भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने का यह 75वां वर्ष है. मंगलवार को संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे हुए हैं. इस अवसर पर संविधान दिवस का एक विशेष कार्यक्रम संविधान सदन (पुराने संसद भवन) के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया गया. यहां राष्ट्रपति ने संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपये का एक विशेष सिक्का जारी किया. इस दौरान एक डाक टिकट भी जारी किया गया. यह डाक टिकट संविधान की उन मूल भावनाओं का प्रतीक है जो भारत को एकजुट करती है और हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है.
संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ
राष्ट्रपति ने मंगलवार 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस' के अवसर पर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है. आज हम सब इस ऐतिहासिक अवसर के भागीदार बने हैं और साक्षी भी बने हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि 75 वर्ष पहले संविधान सदन के इसी केंद्रीय कक्ष में आज ही के दिन संविधान सभा ने नव स्वाधीन देश के लिए संविधान निर्माण का बहुत बड़ा कार्य संपन्न किया था. राष्ट्रपति ने कहा कि उस दिन संविधान सभा के माध्यम से हम भारत के लोगों ने अपने इस संविधान को अपनाया था. हमारा संविधान हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा आज अग्रणी अर्थव्यवस्था होने के साथ साथ हमारा देश विश्वबंधु की भूमिका भी निभा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. गरीबों को अपना घर मिल रहा है और देश में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है."
इस दौरान राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय मंत्री किरण रिजिजू, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा के नेता सदन जेपी नड्डा, लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एवं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मौजूद रहे. वहीं इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इन 5 वर्षों में हमारी हमारी संसद के माध्यम से आम जनता के जीवन में सामाजिक आर्थिक परिवर्तन लाए गए हैं। संवैधानिक मूल्यों के प्रति हमारे घनिष्ठ प्रतिबद्धता है.
गौरतलब है कि सोमवार 25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हुआ है. राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक यह सत्र अगले माह 20 दिसंबर तक चलेगा. सत्र के दूसरे दिन यानी 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने के लिए दोनों सत्रों की संयुक्त बैठक बुलाई गई थी.
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