नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखने के विचार व्यक्त करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन से भारत रत्न वापस लेने की बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद चंदन मित्रा की टिप्पणी पर ऐतराज जताते हुए केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि यह फासीवादी सोच नहीं है तो क्या है। वहीं, पार्टी के अन्य नेता शशि थरूर ने कहा कि अमर्त्य सेन से भारत रत्न लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
वहीं, बीजेपी ने गुरुवार को अपने को अलग करते हुए कहा कि यह उनकी व्यक्गित सोच है, मुख्य विपक्षी दल की नहीं।
बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य मुरली मनोहर जोशी ने मित्रा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ये मित्रा के व्यक्गित विचार हैं।’’ मित्रा की टिप्पणी पर सेन की इस प्रतिक्रिया को भी जोशी ने उनके ‘व्यक्तिगत विचार’ बताया जिसमें इस विश्व विख्यात अर्थशास्त्री ने कहा है कि ‘अगर अटल बिहारी वाजपेयी कहें तो मैं भारत रत्न वापस कर दूंगा।’
राजग सरकार के दौरान 1999 में भारत रत्न और उससे पहले 1998 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि एक भारतीय होने के नाते वह मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहेंगे। मोदी पर उनका आरोप है कि उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने में पूरी कोशिश नहीं की। इस अर्थशास्त्री ने मोदी के विकास मॉडल से भी असहमति जताते हुए उसकी आलोचना की है।
इस पर मित्रा ने ट्वीट पर कहा था कि अमर्त्य सेन राजनीतिक बयानबाज़ी कर रहे हैं और 2014 के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार बनने पर उनसे भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए। मित्रा ने आरोप लगाया कि सेन कांग्रेस की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।
(इनपुट भाषा से भी)
वहीं, बीजेपी ने गुरुवार को अपने को अलग करते हुए कहा कि यह उनकी व्यक्गित सोच है, मुख्य विपक्षी दल की नहीं।
बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य मुरली मनोहर जोशी ने मित्रा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ये मित्रा के व्यक्गित विचार हैं।’’ मित्रा की टिप्पणी पर सेन की इस प्रतिक्रिया को भी जोशी ने उनके ‘व्यक्तिगत विचार’ बताया जिसमें इस विश्व विख्यात अर्थशास्त्री ने कहा है कि ‘अगर अटल बिहारी वाजपेयी कहें तो मैं भारत रत्न वापस कर दूंगा।’
राजग सरकार के दौरान 1999 में भारत रत्न और उससे पहले 1998 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि एक भारतीय होने के नाते वह मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहेंगे। मोदी पर उनका आरोप है कि उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने में पूरी कोशिश नहीं की। इस अर्थशास्त्री ने मोदी के विकास मॉडल से भी असहमति जताते हुए उसकी आलोचना की है।
इस पर मित्रा ने ट्वीट पर कहा था कि अमर्त्य सेन राजनीतिक बयानबाज़ी कर रहे हैं और 2014 के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार बनने पर उनसे भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए। मित्रा ने आरोप लगाया कि सेन कांग्रेस की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।
(इनपुट भाषा से भी)
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