
Nepal Protest: नेपाल में हिए हिंसक प्रदर्शन पर कांग्रेस का बयान सामने आया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नेपाल में हुई हिंसा पर दुख प्रकट करते हुए इसमें साजिश की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि नेपाल में जो पिछले कुछ दिनों हुआ, वो महज संयोग नहीं है. नेपाल से पहले बांग्लादेश में भी ऐसा ही हुआ था. क्या नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शन किसी साजिश का हिस्सा हैं, इसकी जांच होनी बेहद जरूरी है. दक्षिण एशियाई देशों को सतर्क रहने की जरूरत है.
मनीष तिवारी ने बांग्लादेश में हुई हिंसा को याद करते हुए कहा, 'साल 2024 जुलाई में जो बांग्लादेश में हुआ था, जिससे शेख हसीना की सरकार गिरी थी. 2025 अगस्त में जो नेपाल में हुआ, जिससे केपी शर्मा ओली की सरकार गिरी है. आज भी नेपाल में परिस्थितियां संवेदनशील हैं. ये कोई अचानक हुई घटना नहीं है. इसकी गहराई में जाने की बहुत जरूरत है.'
#WATCH | On the situation in Nepal, Congress MP Manish Tewari says, "...South Asia is passing through an extremely delicate moment. All the South Asian nations need to be extremely careful. There should be a systematic and proper attempt made to get to the bottom of whether this… pic.twitter.com/3NPX2UMvFt
— ANI (@ANI) September 10, 2025
कांग्रेस सांसद ने सवाल उठाया कि क्या ये सही मायनम में जमीनी आंदोलन है? या फिर इस आंदोलन में ऐसी शक्तियों का दखल है, जो दक्षिण एशिया में अस्थिरता फैलाना चाहती हैं. ऐसे में दक्षिण एशियाई देशों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. अगर इसकी गहराई में जाएंगे, तो बहुत कुछ स्थिति साफ हो सकती है.
बता दें कि नेपाल में पिछले कुछ दिनों से जेन-जी के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके कारण काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद करना पड़ा. प्रदर्शनकारी सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ सड़कों पर उतरे. इस हिंसा में कुछ लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं. मौजूदा स्थिति को देखते हुए एयरपोर्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है.
ये भी पढ़ें :- हिंसक प्रदर्शन के बीच फंसे हजारों भारतीय, जानें नेपाल-भारत बॉर्डर के कैसे हैं हालात?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं