- कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने नेशनल हेराल्ड मामले को राजनीतिक प्रतिशोध और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग बताया
- कांग्रेस नेताओं को ED ने 2021 से 2025 के बीच कई घंटे पूछताछ के लिए बुलाया गया था
- यह मामला 2014 में सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ था
नेशनल हेराल्ड मामले पर अदालत के फैसले के बाद बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है.उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और गांधी परिवार को सताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ED का दुरुपयोग कर कई सांसदों-विधायकों को अपने पाले में कर कई राज्यों में सरकार बनाई गई. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सत्य की हमेशा जीत होती है. उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह से इस्तीफे की मांग भी की.
कांग्रेस राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस केस में सत्ता के दवाब पर संविधान का अंतिम प्रभाव पड़ा है. 2021 से 25 के बीच में ED ने राहुल गांधी ने 50 घंटे, खरगे को 6 घंटे, सोनिया गांधी को 8 घंटे पूछताछ के लिए बुलाया. ये 2014 में सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ, उन्होंने CBI ED को सब लिखा था.
2014 से 2021 तक CBI, ED ने अपनी फाइल्स में लिखा इसमें कोई प्रेडिक्ट ऑफेंस नहीं बनता है. उसके बाद अचानक 2021 में जून में अचानक एकदम पहले कार्यवाही FIR फाइल कर दी, कल जज ने उसका संज्ञान लेने से मना कर दिया है. ये जांच एजेंसी के दुरुपयोग का बड़ा मामला बनता है.
इस मामले में कोई नींव नहीं थी फिर भी राजनीतिक आरोपों से इमारत खड़ी की गई, कल अदालत ने कानून की प्रक्रिया और अनुच्छेद न्याय और संविधान की आत्मा है. बिना कानूनी नींव के खड़ा किया मुकदमा कोर्ट में अपने आप गिर गया.आपने फिर एक नई FIR ठोंक दी 3 अक्टूबर को, जिसे हम देखेंगे और जवाब देंगे.
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