विज्ञापन

राहुल गांधी के हाथ में नजर आने वाली लाल-काले रंग की किताब क्या है, उसे कौन छापता है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर संविधान के कोट पॉकेट संस्करण के साथ नजर आते हैं.चुनाव प्रचार के दौरान भी वो संविधान के इस कोट पॉकेट संस्करण के साथ नजर आए.इसे लखनऊ का ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) प्रकाशित करता है.

राहुल गांधी के हाथ में नजर आने वाली लाल-काले रंग की किताब क्या है, उसे कौन छापता है
नई दिल्ली:

18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ.पहले दिन विपक्षी सांसद पूरी तैयारी के साथ संसद में नजर आए. कांग्रेस सांसद अपने साथ संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंचे थे.उन्होंने संसद परिसर में संविधान के साथ प्रदर्शन भी किया.कांग्रेस और विपक्षी की दूसरी पार्टियों के कुछ सदस्य अपने साथ लाल और काले रंग के कवर वाले संविधान के कोट पॉकेट संस्करण की प्रति लेकर आए थे.इनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल थे.  विपक्ष ने इस लोकसभा चुनाव में संविधान पर संकट को मुद्दा भी बनाया था. 

कौन छापता है संविधान का कोट पॉकेट संस्करण? 

संविधान के इस कोट पॉकेट संस्करण के साथ राहुल गांधी अक्सर नजर आते हैं.चुनाव प्रचार के दौरान भी वो संविधान की इस प्रति के साथ नजर आए.संविधान के इस कोट पॉकेट संस्करण को लखनऊ का ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) प्रकाशित करता है. विपक्षी नेताओं के हाथ में चुनाव प्रचार के दौरान और संसद परिसर में संविधान के इस कोट पॉकेट संस्करण की प्रतियां नजर आने से ईबीसी चर्चा में है.विपक्ष ने चुनाव प्रचार के दौरान यह आरोप लगाया था कि अगर बीजेपी फिर सत्ता में आ गई तो वह संविधान को खत्म कर देगी. 

Latest and Breaking News on NDTV

ईबीसी के सुमित मलिक ने अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि पिछले तीन महीने में संविधान के कोट पॉकेट संस्करण की पांच हजार प्रतियां बिक चुकी हैं.ईबीसी ने इतनी ही प्रतियां 2023 में पूरे साल में बेची थीं.संविधान का कोट पॉकेट संस्करण छापने वाला ईबीसी देश का अकेला प्रकाशक है.पहली बार इसका प्रकाशन 2009 में हुआ था. उसके बाद से इसके अबतक 16 संस्करण आ चुके हैं.

चुनाव में बढ़ी संविधान के कोट पॉकेट संस्करण की मांग

मलिक ने अखबार को बताया,''संविधान के कोट पॉकेट संस्करण की मांग बहुत अधिक है. ताजा स्टॉक आने के बाद हम उसे बेच रहे हैं.''

संविधान का यह कोट पॉकेट संस्करण 624 पेज का है. इसमें भारतीय संविधान के निर्माण प्रक्रिया पर दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व उपकुलपति प्रोफेसर रणवीर सिंह का लिखा एक अध्याय भी दिया हुआ है.इसकी प्रस्तावना देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने लिखी है. उन्होंने लिखा है, ''हर भारतीय को चाहें वह वकील या जज हो या न हो, उसे इस छोटे किताब की एक प्रति रखनी चाहिए.यह किताब छोटी जरूर है, लेकिन इसका मानवीय आयाम बहुत बड़ा है. मेरा मानना है कि यह सुंदर किताब हर भारतीय के पॉकेट में होनी चाहिए.यह लोगों को भारत के संविधान में निहित विचारों की महानता से प्रेरणा प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी,जिसे हम भारत के लोगों ने खुद को दिया है."

संविधान के कोट पॉकेट

संविधान के कोट पॉकेट संस्करण के साथ संसद परिसर में प्रदर्शन करते कांग्रेस सांसद.

संविधान हर भारतीय की किताब

इस कोट पॉकेट संस्करण का बौद्धिक संपदा अधिकार ईबीसी के पास है.इसे कोई कॉपी नहीं कर सकता है. मलिक ने बताया, "पीएम नरेंद्र मोदी ने रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति नियुक्त होने के बाद उन्हें एक प्रति भेंट की थी.सुप्रीम कोर्ट के जज जब आधिकारिक यात्रा पर विदेश यात्रा पर जाते हैं तो वे अक्सर कोट पॉकेट संस्करण अपने साथ रखते हैं. यह दुनिया के कई पुस्तकालयों में भी उपलब्ध है." उन्होंने कहा," देश में लोगों की पहुंच कानूनी सामग्री तक जितनी अधिक होगी,यह उतना ही बेहतर ढंग से शासित होगा.भारत का संविधान इस देश की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक है." मलिक ने अभी हाल ही में इसकी एक प्रति गृहमंत्री अमित शाह को भेंट की है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: शपथ लेने के लिए फैजाबाद सांसद के आते ही बदला सदन का माहौल, विपक्ष ने लगाए 'जय श्रीराम' के नारे

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
कोल्‍डप्‍ले टिकट विवाद को लेकर BookMyShow का आया बयान, जानिए क्‍या कहा?
राहुल गांधी के हाथ में नजर आने वाली लाल-काले रंग की किताब क्या है, उसे कौन छापता है
दुखद संयोग! एक ही पार्टी के 3 नेताओं के बेटों की असमय मौत, रोड एक्सीडेंट ही थी वजह
Next Article
दुखद संयोग! एक ही पार्टी के 3 नेताओं के बेटों की असमय मौत, रोड एक्सीडेंट ही थी वजह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com