किसान बिल (Farmer Bills) को लेकर पंजाब-हरियाणा (Punjab) समेत देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन जारी है. पंजाब के किसान कृषि विधेयक के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान बिल को लेकर सरकार की जबरदस्त आलोचना हो रही है. विपक्षी दलों के नेता लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने तंज कसते हुए सरकार पर हमला किया है.
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा- "आवाज़-ए-किसान :- जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को." सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "काले बिल पास, पूंजीपतियों की कमाई का रास्ता साफ. किसान की राह में कांटे, पूंजीपतियों की राह में फ़ूल. भारी पड़ेगी भूल..."
आवाज़-ए-किसान :-
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 22, 2020
जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को।
काले बिल पास, पूंजीपतियों की कमाई का रास्ता साफ।
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 22, 2020
किसान की राह में कांटे, पूंजीपतियों की राह में फ़ूल।
भारी पड़ेगी भूल...
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की ओर से तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग है कि सरकार एक नया बिल लाए जिसमें यह बात सुनिश्चित की जाए कि कोई भी प्राइवेट कंपनी MSP के नीचे किसानों से कोई उपज नहीं खरीद सकती हैं. हमारी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन फार्मूला के तहत MSP देश में तय हो. हमारी तीसरी मांग है कि भारत सरकार राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यह सुनिश्चित करें कि किसानों से निर्धारित MSP की रेट पर ही है उनकी उपज खरीदी जाए. जब तक यह तीनों मांगें नहीं मानी जातीं हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे.
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