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This Article is From Aug 03, 2023

"दिन है या रात?" : अमित शाह के लोकसभा में नेहरू की 'तारीफ' करने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी

लोकसभा में चर्चा के दौरान दिल्ली सेवा विधेयक के पक्ष में अपने तर्कों को पुष्ट करने के लिए अमित शाह ने नेहरू के बयानों का इस्तेमाल किया था.

"दिन है या रात?" : अमित शाह के लोकसभा में नेहरू की 'तारीफ' करने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अधीर रंजन चौधरी के बीच एक दिलचस्प बातचीत का केंद्र बिंदु बन गए. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने अमित शाह को "देश के पहले प्रधान मंत्री" की प्रशंसा करते हुए सुना तो उन्हें यह भरोसा ही नहीं हुआ. नेहरू भाजपा के लिए हमले का पसंदीदा मुद्दा रहे हैं. भाजपा अक्सर उन्हें आज देश की कई समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराती रही हैं. लोकसभा में चर्चा के दौरान दिल्ली सेवा विधेयक के पक्ष में अपने तर्कों को पुष्ट करने के लिए अमित शाह ने नेहरू के बयानों का इस्तेमाल किया. इसके बाद मुस्कुराते हुए अधीर रंजन चौधरी यह कहने के लिए उठे कि उन्हें अपने कानों पर भरोसा नहीं हो रहा कि गृह मंत्री ने नेहरू और कांग्रेस पार्टी की तारीफ की है.

अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?

"आज जब हम सदन में आए तो अच्छा लगा कि हमारे अमित शाह जी बार-बार नेहरू और कांग्रेस पार्टी की तारीफ कर रहे थे. मैंने मन में सोचा, मैं क्या देख रहा हूं? क्या यह दिन है या रात? मैंने सोचा कि मुझे दौड़कर अमित शाह के पास जाना चाहिए और उन्हें मिठाई खिलानी चाहिए. क्योंकि उनके मुंह से नेहरू और कांग्रेस की तारीफ मेरे लिए लिए एक सुखद आश्चर्य था."

अमित शाह ने कहा- मैंने नेहरु की तारीफ नहीं की

इसके बाद अमित शाह ने उन्हें टोकते हुए कहा कि उन्होंने नेहरू की तारीफ नहीं की है. उन्होंने कहा, "मैंने पंडित नेहरू की तारीफ नहीं की है. मैंने केवल उनका जिक्र किया है कि उन्होंने क्या कहा था. यदि वे इसे तारीफ समझते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है." इस पर चौधरी ने जवाब दिया, "जब भी आपको ज़रूरत होती है, तब-तब आपने नेहरू का सहारा लिया है. यदि आपने यह हमेशा किया होता तो हमें मणिपुर और हरियाणा की (हिंसा) घटनाएं नहीं देखनी पड़ती. यह दिल्ली है और यह हमारा दिल है."

ईडी और सीबीआई क्या कर रही है? 

उन्होंने कहा कि विपक्ष को संदेह है कि अगर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियां छीनने वाला विधेयक लाया जा सकता है, तो केंद्र अन्य राज्यों पर भी 'हमला' कर सकता है. चौधरी ने पूछा, "अगर आपको लगता है कि दिल्ली में घोटाले हो रहे हैं, तो आपके पास ईडी और सीबीआई जैसी कई एजेंसियां ​​हैं. इसके बावजूद भी क्या कथित घोटालों की वजह से ऐसा विधेयक लाना जरूरी था."

इससे पहले, National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023 के पक्ष में बोलते हुए अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोला था और कहा था कि उन्हें अपने नए बनाए गए गठबंधन INDIA के बारे में नहीं, बल्कि दिल्ली के बारे में सोचना चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, "मैं पार्टियों से अपील करता हूं कि आप गठबंधन में होने की वजह से दिल्ली में हो रहे भ्रष्टाचार का समर्थन न करें. क्योंकि आप लोगों के गठबंधन के बावजूद, पीएम मोदी पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतेंगे."

उन्होंने यह भी दावा किया था कि जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सी राजगोपालाचारी, राजेंद्र प्रसाद और बीआर अंबेडकर जैसे भारत के संस्थापक भी दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे के खिलाफ थे. विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार को दिल्ली में अधिकारियों के कार्यकाल, वेतन, ट्रांसफर या पोस्टिंग से संबंधित मामलों पर नियम बनाने का अधिकार है. इसके अलावा इसके जरिए केंद्र सरकार दिल्ली के अधिकारियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई या जांच पर फैसला ले सकती है.

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