
जाति जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपने सभी पदाधिकारियों को कैंपेन चलाने का निर्देश दिया है. इसे लेकर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सर्कुलर जारी किया. पार्टी का दावा है कि उसके दबाव के चलते ही मोदी सरकार जाति जनगणना के लिए तैयार हुई है. इसलिए पार्टी इसको लेकर कैंपेन चलाएगी.
हर राज्य और जिले में प्रस्तावित संविधान बचाओ रैलियों में इस मुद्दे को उठाने का निर्देश दिया गया है. संविधान के अनुच्छेद 15(5) पर खास जोर देने का निर्देश दिया है. इस अनुच्छेद में निजी शिक्षण संस्थानों के एडमिशन में आरक्षण का प्रावधान किया गया है. हालांकि, सर्कुलर में आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से आगे बढ़ाने का जिक्र नहीं किया गया है.

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में एक प्रमुख नीतिगत बदलाव के तहत, भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने घोषणा की कि अगली दशकीय जनगणना में स्वतंत्रता के बाद पहली बार जाति गणना भी शामिल की जाएगी.

इस बारे में बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, "यह कांग्रेस पार्टी के दिमाग की उपज है. राहुल गांधी ने ही इसे आगे बढ़ाया है क्योंकि उन्हें लगता है कि समाज के सभी वर्गों को सामाजिक न्याय मिलना चाहिए. इसलिए उन्होंने घोषणापत्र और कई अन्य जगहों पर यह स्पष्ट कर दिया है कि यह वर्तमान पीढ़ी की जरूरत है. खास तौर पर उन समुदायों की जो इससे प्रभावित हुए हैं. क्योंकि वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक इस देश की सड़कों पर चले हैं."
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