बजट सत्र से पहले इस सप्ताह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर निर्णय किए जाने की संभावना के बीच कांग्रेस ने रविवार को कहा कि इस पद के लिए उसका स्वाभाविक दावा है तथा इसे खारिज करने का कोई भी प्रयास 'निरंकुश' माना जा जाएगा।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''संवैधानिक लोकतंत्र में नेता प्रतिपक्ष के महत्वपूर्ण पद सहित विपक्ष संसद के संवैधानिक रूप से संचालन तथा कई सरकारी पदों की नियुक्तियों के लिए मुख्य शर्त है।''
उन्होंने कहा, ''नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कांग्रेस का स्वाभाविक दावा है क्योंकि वह विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी और (संप्रग) सबसे बड़ा चुनाव गठबंधन है। इस दावे को खारिज करने का कोई भी फैसला या प्रयास सिर्फ निरंकुश हो सकता है और यह भारत के लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ जाएगा।''
आम तौर पर सत्तारूढ़ दल के बाद की सबसे बड़ी पार्टी अथवा सबसे बड़े गठबंधन के नेता को नेता प्रतिपक्ष का पद मिलता है। इसके साथ यह भी नियम है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए विपक्षी पार्टी के पास लोकसभा में 10 फीसदी यानी 55 सीटें होनी चाहिए।
मौजूदा लोकसभा में विपक्ष की किसी भी पार्टी के पास अकेले 55 की संख्या नहीं है। कांग्रेस के पास 44 सांसद हैं।
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