कोस्टगार्ड के विवादास्पद डीआईजी बी के लोशाली को उनके पद से हटा कर क्षेत्रीय हेडक्वार्टर गांधीनगर में 'अटैचड' कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, लोशाली के खिलाफ बोर्ड ऑफ एंक्वायरी चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही तय होगा कि सरकार उनके खिलाफ क्या कारवाई करती है।
पिछले हफ्ते लोशाली ने सूरत में एक कार्यक्रम में ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि उसके आदेश पर ही पाकिस्तान की संदिग्ध बोट को उड़ाया गया था। हालांकि विवाद बढ़ने पर लोशाली ने माफी भी मांग ली थी लेकिन सरकार ने उनकी माफी को दरकिनार करते हुए उनके खिलाफ जांच बिठा दी थी।
पिछले साल की आखिरी रात को एक पाकिस्तानी बोट में हुए विस्फोट के मामले में रक्षा मंत्रालय ने कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए थे। लोशाली के विवादास्पद वीडियो पर सफाई में रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि लोशाली वेस्टर्न कमांड के एक चीफ ऑफ़ स्टाफ थे और उनके काम का दायरा सिर्फ प्रशासनिक था और 'उनका काम किसी लिहाज़ से किसी भी ऑपरेशन से नहीं जोड़ा जा सकता, इसीलिए 31 दिसम्बर की रात को जो हुआ, उसकी उन्हें कुछ खबर नहीं हो सकती।'
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस में 18 फरवरी को प्रकाशित समाचार तथा बाद में जारी किए गए एक वीडियो के मुताबिक, सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में कोस्ट गार्ड डीआइजी ने खुलेआम कहा था कि 31 दिसंबर की रात एक संदिग्ध पाकिस्तानी बोट को उड़ाया गया था, और उसमें बैठे लोगों ने ख़ुद ब्लास्ट नहीं किया था, जैसा कोस्ट गार्ड और भारतीय रक्षा मंत्रालय अब तक दावा करते रहे हैं।
वीडियो के मुताबिक डीआईजी ने कहा था, 'आप लोगों को 31 दिसंबर याद है, जब हमने पाकिस्तानी बोट उड़ा दी थी... मैं गांधी नगर में था... मैंने रात को कहा था, उड़ा दो बोट को... हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते...'
इस ख़बर के तूल पकड़ने पर डीआइजी लोशाली को फौरन अपने बयान की गंभीरता का एहसास हो गया था और डीआईजी समेत कोस्ट गार्ड के कई अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मामले में सफाई दी थी।
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