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This Article is From May 01, 2013

पीएम ने कथित तौर पर कानूनी अधिकारियों से पूछा, 'कहीं मैं अभियुक्त तो नहीं'

नई दिल्ली: कोयला आवंटन पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट के मुद्दे पर विवाद जारी है। इस बीच एनडीटीवी को जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार के सबसे बड़े क़ानूनी अधिकारियों अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से पूछा था कि क्या इस मामले में कहीं उनकी भी कोई ज़िम्मेदारी बनती है। मनमोहन ने इस मामले में अपने ऊपर हो रहे हमलों के बाद ये सवाल पूछा।

सूत्रों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल ने मनमोहन सिंह को बताया कि वे इस मामले में अभियुक्त नहीं हैं। मंगलवार दोपहर को उन्होंने इस मामले में ये क़ानूनी सलाह ली।

कोयला घोटाला मामले में इस बात की जांच हो रही है कि आखिर निजी कंपनियों को 'मनमाने तरीके' से खानें आवंटित किए जाने से देश को कितना नुकसान हुआ है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इस दौरान यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही काफी समय तक कोयला मंत्रालय का प्रभार था।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई ने आखिर क्यों कानूनमंत्री, कोयला मंत्रालय के अधिकारियों और पीएमओ को यह रिपोर्ट दिखाई और किसके कहने पर यह किया गया।

साथ ही कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वह बताए कि किसके कहने पर कितने और क्यों बदलाव किए हैं। कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वह कोर्ट की टिप्पणियों को पढ़ रहे हैं और जरूरी हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद पीएम ने सरकार के तमाम वरिष्ठ कानूनी सलाहकारों के साथ बैठक की और कथित तौर पर पीएम ने इसी बैठक में कहा कि क्या कोर्ट में जो कुछ हुआ उससे यह लगता है कि वह भी इस मामले में एक आरोपी है। सूत्रों का कहना है कि कानूनी जानकारों ने उन्हें आश्वस्त किया कि ऐसा मामला नहीं है।

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