बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के गठन को लेकर “चिंतित” हैं जिसका प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘शानदार' रहेगा. जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता ने दिल्ली से लौटने पर यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की. दिल्ली में उन्होंने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी थी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं चिकित्सा संबंधी जांच के लिए दिल्ली गया था. यह संयोग ही था कि उस दिन उस दिवंगत नेता की पुण्यतिथि थी, जो मेरे प्रति बहुत स्नेह रखते थे.''
पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ने वाले नीतीश अपने मन में वाजपेयी के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में बिताए गये दिनों की अच्छी यादें संजोए हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भविष्यवाणी की थी कि वह (वाजपेयी) एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे और यह सच साबित हुआ. उनके नेतृत्व में गठबंधन को 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का नाम दिया गया था.'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना नीतीश ने कहा, ''इन लोगों ने कभी भी राजग की बैठकें आयोजित करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि मैं उस गठबंधन का हिस्सा था. जब हमने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' बनाया और कुछ बैठकें कीं, तो उन्हें राजग की बैठक बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वे अब चिंतित हैं और राजग की बैठकें करना शुरू कर दिया है.''
बिहार के मुख्यमंत्री यह भी आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने सहयोगियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना बंद कर दिया है. जदयू नेता ने मोदी के इस दावे का मजाक उड़ाया कि ‘इंडिया' गंभीरता से लेने लायक नहीं है. नीतीश ने इस बात पर जोर दिया कि लोकसभा चुनाव में नये गठबंधन का प्रदर्शन ‘शानदार' रहेगा.नीतीश ने मीडिया के एक वर्ग में आई उन खबरों को खारिज कर दिया कि दिल्ली में रहते हुए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया.
जदयू नेता ने कहा, ‘‘यह बकवास है. मैं दोनों नेताओं से टेलीफोन पर बात करता रहता हूं. सच तो यह है कि किसी से भी मिलना इस बार एजेंडे में शामिल नहीं था. कुछ साल पहले मेरी आंख की सर्जरी हुई थी और मेरे चिकित्सक हर छह महीने में जांच कराने पर जोर देते हैं. मेरी दिल्ली यात्रा का यही एकमात्र कारण था. मैं अपनी यात्रा के बारे में इतनी सारी अटकलों के बारे में पढ़कर आश्चर्यचकित था.”
अपने पूर्व करीबी सहयोगी प्रशांत किशोर के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि जदयू के लिए लोकसभा चुनाव में पांच सीट जीतना भी मुश्किल हो सकता है, उन्होंने कहा, “मैं व्यक्तिगत राय पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि आमजन से बात करके इसकी सत्यता को परख सकते हैं.''
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