प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को बादल फटने की खबर है. घटना में 15 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है जबकि करीब 40 लोग लापता हैं.
- बादल फटने की घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे की है.प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के बाद गुफा के ऊपर और किनाने से अचानक पानी की लहर दौड़ने लगी. हर जगह पानी ही नजर आ रहा था.
- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में है, बारिश अभी भी जारी है. खतरे को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को अस्थाई तौर पर स्थगित रोक दिया गया है यदि मौसम सामान्य रहा तो तो यात्रा को कल बहाल किया जा सकता है."
- हादसे में यात्रा मार्ग के सामुदायिक किचन और टेंट को नुकसान पहुंचा है. घायलों को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए ले जाया जा रहा है.
- एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की मदद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है.बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है. पुलिस के अनुसार, स्थिति नियंत्रण में है.
- अमरनाथ में बादल फटने की घटना पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दुख जताया. बिरला ने कहा, "पवित्र गुफा के निकट बादल फटने से श्रद्धालुओं की असामयिक मृत्यु बेहद दुखद है. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दे. शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवदेनाएं हैं, साथ ही घायल व लापता श्रद्धालुओं की कुशलता के लिए प्रार्थना है."
- बादल फटने का शब्द सीमित भौगोलिक क्षेत्र में बेहद भारी बारिश के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
- पवित्र अमरनाथ गुफा पर आज हुए हादसे के मद्देनजर शनिवार को अमरनाथ यात्रा रोकी गई है. जो यात्री गुफा पर हैं या रास्ते में हैं, वह नीचे उतर सकते हैं. लेकिन पहलगाम और बालटाल से ऊपर की चढ़ाई शनिवार को नहीं होगी. बालटाल बेस हॉस्पिटल पर फिलहाल अभी तक कोई भी घायल या मृत श्रद्धालु नहीं लाया गया है. हालांकि, बेस हॉस्पिटल पर तैयारी पूरी रखी गई है.
- बाबा बर्फानी के दर्शन के लिये 43 दिन की वार्षिक यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर के नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी.
- अभी तक 70 हजार से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं.
- अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी.