लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. इस बिल के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है. निचले सदन में विधेयक पर सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों के यातनापूर्ण नरक जैसे जीवन से मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है. ये लोग भारत के प्रति श्रद्धा रखते हुए हमारे देश में आए, उन्हें नागरिकता मिलेगी.
वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया. कांग्रेस का कहना है कि इसमें मुसलमानों को शामिल क्यों नहीं किया गया. अमित शाह ने शाह ने कहा, मैं सदन के माध्यम से पूरे देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता. अगर इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता तो मुझे विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती.' उन्होंने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौता काल्पनिक था और विफल हो गया और इसलिये विधेयक लाना पड़ा.
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने जिस द्विराष्ट्र नीति की बात की, उसे कांग्रेस ने क्यों स्वीकार किया. रोका क्यों नहीं. महात्मा गांधी ने विरोध किया था लेकिन कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन स्वीकार किया था, यह ऐतिहासिक सत्य है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में ऐसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जिसकी केरल में सहयोगी मुस्लिम लीग है और महाराष्ट्र में शिवसेना उसकी सहयोगी है.
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अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश में किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. यह सरकार सभी को सम्मान और सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, संविधान ही सरकार का धर्म है. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी.
विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े. विपक्ष के कुछ संशोधनों पर मत विभाजन भी हुआ और उन्हें सदन ने अस्वीकृत कर दिया. विधेयक पारित होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल समेत भाजपा तथा उसके सहयोगी दलों के विभिन्न सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह के पास जाकर उन्हें बधाई दी.
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