नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में दिल्ली एक बार फिर जल उठी. राजधानी के दरियागंज (Daryaganj CAA Protest) इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन के बाहर खड़ी कार को आग के हवाले कर दिया. शुक्रवार देर शाम लोग यहां जमा हुए थे. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इ्स्तेमाल किया. पुलिस ने 40 लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें 8 नाबालिग शामिल हैं. दूसरी ओर शनिवार सुबह भीम आर्मी (Bhim Army) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) को पुलिस ने एक बार फिर हिरासत में ले लिया है.
चंद्रशेखर आजाद अपनी भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ शुक्रवार को जामा मस्जिद इलाके में पहुंचे थे. वहां धारा 144 लगाई गई थी. कई मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोग भी वहां पहुंचे. वह लोग जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने की तैयारी कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने मार्च की इजाजत नहीं दी. तनाव की आशंका के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. लोगों का हुजूम बढ़ता देख पुलिस ने आजाद को हिरासत में ले लिया था. कुछ देर बाद खबर आई कि आजाद पुलिस हिरासत से गायब हो गए और शनिवार सुबह एक बार फिर उन्हें हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिल रही है.
सोनिया गांधी की टिप्पणी पर भड़कीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कई राजनीतिक दलों पर साधा निशाना
बताते चलें कि दरियागंज मामले में पुलिस ने जिन 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें 8 लोग 14-15 साल के हैं. लाठीचार्ज में घायलों का लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में इलाज चल रहा है. डॉक्टर ने NDTV को बताया कि अधिकतर लोगों के हाथों में सूजन है. एक बच्चे के सिर में चोट आई है. इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई को एक बार फिर लोग शुक्रवार रात दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पहुंचे. इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया मामले में भी पुलिस ने 50 लोगों से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया था, जिसके बाद छात्रों ने देर रात तक पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन किया था. उनकी मांग के बाद हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा कर दिया गया था.
CAA के खिलाफ प्रदर्शन के बीच जामिया की वेबसाइट हैक, हैकर ने लिखा- मैं छात्रों का...
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल के संसद में पेश किए जाने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित पूरे देश में इसे वापस लिए जाने की मांग ने जोर पकड़ा था. लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने और राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद यह कानून बन गया. इस संशोधित कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इसमें 6 समुदाय - हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसियों को रखा गया है. मुस्लिमों को इससे बाहर रखे जाने का विरोध हो रहा है. केंद्र सरकार का तर्क है कि इस कानून को इन तीन देशों में धार्मिक आधार पर सताए जा रहे अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के लिए संशोधित किया गया है और इन तीनों ही देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं.
VIDEO: नागरिकता कानून को लेकर जारी है बवाल
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं