
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मैनेजमेंट को एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए आधिकारिक जांच का सामना करना पड़ेगा. इस सोशल मीडिया पोस्ट में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई जानलेवा भगदड़ (M Chinnaswamy Stadium Stampede) से कुछ घंटे पहले सार्वजनिक विक्ट्री परेड की घोषणा की गई थी. जांच अधिकारियों का मानना है कि ये भी भगदड़ मचने की एक वजह रही. इस भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हो गए. जांच में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के वरिष्ठ सदस्य भी शामिल होंगे. इन लोगों की अभिनंदन समारोह की योजना बनाने में भूमिका की अब बेंगलुरु पुलिस और एक मजिस्ट्रेट जांच पैनल द्वारा समीक्षा की जा रही है.

एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ बुधवार, 4 जून की दोपहर को हुई, जब 18 साल के लंबे इंतजार के बाद RCB ने पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का खिताब जीता था.
आरसीबी के किस सोशल पोस्ट पर सवाल
4 जून को दोपहर 3:14 बजे, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आरसीबी के आधिकारिक अकाउंट ने एक घोषणा पोस्ट की, जिसमें पुष्टि की गई कि शाम 5 बजे विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक "विजय परेड" शुरू होगी, जिसके बाद स्टेडियम के अंदर एक सम्मान समारोह होगा. पोस्ट में मुफ़्त पास के लिए एक लिंक शामिल था, जिसमें "लिमिटेड एंट्री" की घोषणा की गई थी और प्रशंसकों से पुलिस के दिशा-निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया गया था.
🚨 RCB Victory Parade: Today at 5 pm IST. ‼️
— Royal Challengers Bengaluru (@RCBTweets) June 4, 2025
Victory Parade will be followed by celebrations at the Chinnaswamy stadium.
We request all fans to follow guidelines set by police and other authorities, so that everyone can enjoy the roadshow peacefully.
Free passes (limited… pic.twitter.com/raJMXlop5O
पोस्ट में लिखा गया है, "विक्ट्री परेड के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न मनाया जाएगा. हम सभी प्रशंसकों से पुलिस और अन्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करने का अनुरोध करते हैं, ताकि सभी लोग शांतिपूर्वक रोड शो का आनंद ले सकें. shop.royalchallengers.com पर निःशुल्क पास (लिमिटेड एंट्री) उपलब्ध हैं." 4 जून से पहले आरसीबी की ओर से एकमात्र कम्युनिकेशन केएससीए के माध्यम से था, जिसने 3 जून को विधान सौध में सम्मान समारोह आयोजित करने की अनुमति मांगते हुए एक पत्र भेजा था.
यह कर्नाटक सरकार के पहले के उस दावे के बिल्कुल उलट है, जिसमें उसने कहा था कि यह कार्यक्रम "लास्ट मिनट में प्लान किया गया था." बेंगलुरु पुलिस ने उचित योजना बनाने के लिए समारोह को कम से कम दो दिन के लिए टालने का सुझाव दिया था.
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