भारत ने जापान और अमेरिका के साथ 'मालाबार' साझा अभ्यास शुरू कर दिया है
भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में अमेरिका और जापान के साथ साझा अभ्यास 'मालाबार' शुरु कर दिया है। वहीं चीन में उनकी सेना के साथ भारतीय थल 'हैंड इन हैंड' अभ्यास कर रही है। यहां गौर करने लायक बात यह है कि भारत के अमेरिका और जापान के साथ गठजोड़ का चीन ने हमेशा नापसंद किया है। यही वजह है कि चीन ने पहली बार बंगाल की खाड़ी में हो रहे 'मालाबार' अभ्यास में जापान की भागीदारी पर सवाल उठाए है।
करीब आठ साल बाद बंगाल की खाड़ी में भारत-अमेरिका और जापान का साझा नौसैनिक युद्धभ्यास हो रहा है। 2007 में जब तीनों देशों ने एक साथ मालाबार नाम की इस नौसेनिक अभ्यास को अंजाम दिया था तो चीन ने भारत के सामने विरोध दर्ज किया था। चीन को लगता है कि भारत का अमेरिका और जापान से यह गठजोड़ उसके खिलाफ है इसलिए उसके बाद से भारत ने जापान को इस युद्धभ्यास में आमंत्रित करना बंद कर दिया था। हालांकि अमेरिका के साथ भारत का अभ्यास हर दो साल में होता था लेकिन एक बार फिर भारत ने जापान को 'मालाबार' अभ्यास का हिस्सा बनाया है।
रूज़वेल्ट भी भारत में
ख़ास बात यह है कि इस बार मालाबार अभ्यास में अमेरिका अपने सबसे बड़े परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर ‘रूज़वेल्ट’ को लेकर भारत आया है। यह परमाणु विमानवाहक युद्धपोत करीब एक लाख टन का है और इसपर एक साथ नब्बे लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा सकता है। फिलहाल इस पर 20 लड़ाकू विमान तैनात है, इसके अलावा अमेरिकी नौसेना के तीन और युद्धपोत, निगरानी विमान और एक पनडुब्बी भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
भारतीय नौसेना के भी रणविजय, शिवालिक, बेतवा जैसे करीब आधा-दर्जन युद्धपोत और एक पनडुब्बी ‘सिंधुध्वज’ शामिल हो रहे हैं। जापान का एक युद्धपोत ‘फुयोजुकी’ मालाबार-अभ्यास में भाग ले रहा है जो 22 अक्टूबर तक चलेगा।
भारतीय नौसेना के अमेरिका और जापान के साथ बंगाल की खाड़ी में मालाबार युद्धाभ्यास करने और दूसरी तरफ चीन में थल सेना के पीएलए के साथ हैंड-इन-हैंड युद्धाभ्यास करने पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के. धवन ने कहा कि इन दोनों को एक दूसरे की विरोधी कार्यवाहियां मानना सही नहीं होगा। एडमिरल धवन ने इसमें किसी कूटनीति के होने से भी साफ इनकार कर दिया।
करीब आठ साल बाद बंगाल की खाड़ी में भारत-अमेरिका और जापान का साझा नौसैनिक युद्धभ्यास हो रहा है। 2007 में जब तीनों देशों ने एक साथ मालाबार नाम की इस नौसेनिक अभ्यास को अंजाम दिया था तो चीन ने भारत के सामने विरोध दर्ज किया था। चीन को लगता है कि भारत का अमेरिका और जापान से यह गठजोड़ उसके खिलाफ है इसलिए उसके बाद से भारत ने जापान को इस युद्धभ्यास में आमंत्रित करना बंद कर दिया था। हालांकि अमेरिका के साथ भारत का अभ्यास हर दो साल में होता था लेकिन एक बार फिर भारत ने जापान को 'मालाबार' अभ्यास का हिस्सा बनाया है।
रूज़वेल्ट भी भारत में
ख़ास बात यह है कि इस बार मालाबार अभ्यास में अमेरिका अपने सबसे बड़े परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर ‘रूज़वेल्ट’ को लेकर भारत आया है। यह परमाणु विमानवाहक युद्धपोत करीब एक लाख टन का है और इसपर एक साथ नब्बे लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा सकता है। फिलहाल इस पर 20 लड़ाकू विमान तैनात है, इसके अलावा अमेरिकी नौसेना के तीन और युद्धपोत, निगरानी विमान और एक पनडुब्बी भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
भारतीय नौसेना के भी रणविजय, शिवालिक, बेतवा जैसे करीब आधा-दर्जन युद्धपोत और एक पनडुब्बी ‘सिंधुध्वज’ शामिल हो रहे हैं। जापान का एक युद्धपोत ‘फुयोजुकी’ मालाबार-अभ्यास में भाग ले रहा है जो 22 अक्टूबर तक चलेगा।
भारतीय नौसेना के अमेरिका और जापान के साथ बंगाल की खाड़ी में मालाबार युद्धाभ्यास करने और दूसरी तरफ चीन में थल सेना के पीएलए के साथ हैंड-इन-हैंड युद्धाभ्यास करने पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के. धवन ने कहा कि इन दोनों को एक दूसरे की विरोधी कार्यवाहियां मानना सही नहीं होगा। एडमिरल धवन ने इसमें किसी कूटनीति के होने से भी साफ इनकार कर दिया।
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