"चीन से जुड़ी संस्थाओं ने न्यूज़क्लिक को 38 करोड़ रुपये दिए": पुलिस सूत्र

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने आरोप लगाया कि न्यूज़क्लिक को कथित तौर पर चीनी लोगों से जुड़ी संस्थाओं से 38 करोड़ मिले और पैसे का इस्तेमाल पोर्टल पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने के लिए किया गया.

न्यूज़क्लिक ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने प्राइवेट न्यूज पोर्टल न्यूज़क्लिक के खिलाफ कई कड़े आरोप लगाए हैं. संस्था के संस्थापक और एचआर हेड को मंगलवार को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों ने आरोप लगाया कि न्यूज पोर्टल को चीनी लोगों से जुड़ी संस्थाओं से 38 करोड़ रुपये मिले और इसके कुछ फंड एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के साथ शेयर किए गए, जो अन्य मामलों में आरोपी हैं. 

न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच में आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद कि न्यूज पोर्टल को चीनी प्रोपगैंडा फैलाने के लिए धन मिला था, पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 100 से अधिक स्थानों पर न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों के घरों की तलाशी ली. 

कहां से आए पैसे ?

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने आरोप लगाया कि न्यूज़क्लिक को कथित तौर पर चीनी लोगों से जुड़ी संस्थाओं से 38 करोड़ मिले और पैसे का इस्तेमाल पोर्टल पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने के लिए किया गया. उन्होंने दावा किया कि संस्था को शेयर की कीमतें बढ़ाकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के रूप में 9 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और निर्यात सेवाओं के लिए शुल्क के रूप में 29 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. 

एक सूत्र ने कहा, "न्यूज़क्लिक द्वारा विदेशी संस्थाओं को किसी भी सेवा के निर्यात के लिए कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है."

कैसे पेसौं का हुआ बंटवारा?

सूत्रों ने दावा किया कि न्यूज़क्लिक द्वारा इकट्ठा किए गए कुछ धन को गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाद के साथ भी साझा किया गया था. 

नवलखा को 2018 में एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह गिरफ्तार हैं. पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार-कार्यकर्ता को उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के कारण घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी.

तीस्ता सीतलवाड़ को जून 2022 में गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के साथ गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपने करीबी सहयोगियों और दंगा पीड़ितों का इस्तेमाल करके "प्रतिष्ठान को सत्ता से हटाने के लिए और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष झूठे और मनगढ़ंत हलफनामे दायर किए थे."

न्यूज़क्लिक ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

घटना पर लोगों की प्रतिक्रिया

सूत्रों ने कहा कि न्यूज़क्लिक से जुड़े 46 लोग एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. सूत्र ने कहा, "कुल 37 पुरुष संदिग्धों से परिसर में पूछताछ की गई है, 9 महिला संदिग्धों से उनके आवास पर पूछताछ की गई है और डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों आदि को जांच के लिए जब्त/एकत्रित किया गया है. कार्यवाही अभी भी जारी है; अब तक, दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है - न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती.''

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "ईजीआई चिंतित है कि ये छापे मीडिया को दबाने का एक और प्रयास है. हालांकि हम मानते हैं कि यदि वास्तविक अपराध हुआ है तो कानून को अपना काम करना चाहिए, उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा विशिष्ट अपराधों की जांच में कठोर कानूनों की छाया के तहत डराने-धमकाने का सामान्य माहौल नहीं बनना चाहिए, या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति और आलोचनात्मक आवाज़ों को उठाने पर रोक नहीं लगनी चाहिए.''

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