नई दिल्ली:
लोकसभा में एक अप्रत्याशित घटना में समाजवादी पार्टी के सदस्य यशवीर सिंह ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखे जाते समय केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी के हाथ से छीन लिया, जिसे यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रोकने का प्रयास किया।
यशवीर के ऐसा किए जाने पर सोनिया ने उनसे विधेयक की वह प्रति वापस लेने का प्रयास किया, जिस पर यशवीर ने उस प्रति को अपनी पार्टी के ही नीरज शेखर को पकड़ा दिया। नीरज ने विधेयक की प्रति को विपक्षी बेंचों की ओर फेंक दिया।
इस बीच, बापी राजू कन्नीमूरी और विलास मुत्तेमवार सहित कांग्रेस के कई सदस्य सोनिया के समर्थन में आकर खड़े हो गए और एक सदस्य ने यशवीर का मुंह पकड़कर पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान बृजभूषण शरण सिंह और धर्मेंद्र यादव सहित सपा के कई सदस्यों ने धक्का-मुक्की कर रहे सदस्यों का बीच-बचाव करने की कोशिश की।
मामला बढ़ते देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिन से सपा सदस्य इस विधेयक के खिलाफ सदन की कार्यवाही में बाधा डालते आ रहे हैं। आज भी उनके ऐसा किए जाने के कारण सदन तीन बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न तीन बजे शुरू हुआ था, तो इसी बीच यह अप्रत्याशित घटना हो गई।
सदन की बैठक स्थगित होने के बाद कांग्रेस के कई सदस्यों ने सोनिया के इर्द-गिर्द घेरा बना लिया और लगभग सभी दलों के सदस्य आसन के पास आकर बीच बचाव करते देखे गए। नीरज और मुत्तेमवार के बीच गरमागरमी अधिक बढ़ते देख सदस्यों ने दोनों को अलग किया। सपा और बीजेपी के कुछ सदस्य सोनिया द्वारा यशवीर से विधेयक की प्रति वापस लेने के प्रयास की आलोचना करते सुने गए।
शोर-शराबे और हंगामे के बीच मुत्तेमवार यह कहते सुने गए कि 32 वर्षों में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी और यह गलत है। दूसरी ओर, सपा के सदस्य इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहराते रहे। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पास जाकर कुछ बात करते देखे गए। इस दौरान अन्य दलों के सदस्य भी वहां मौजूद थे।
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने एक दूसरे पर टिप्पणी कर रहे सदस्यों को शांत रहने और सदन से बाहर चलने के लिए समझाया और धीरे-धीरे लोग सदन से बाहर जाने लगे। इस बीच, पत्रकार दीर्घा में मौजूद पत्रकारों को वॉच एंड वार्ड के लोग यह कहकर बाहर जाने का आग्रह करते रहे कि सदन स्थगित हो चुका है।
यशवीर के ऐसा किए जाने पर सोनिया ने उनसे विधेयक की वह प्रति वापस लेने का प्रयास किया, जिस पर यशवीर ने उस प्रति को अपनी पार्टी के ही नीरज शेखर को पकड़ा दिया। नीरज ने विधेयक की प्रति को विपक्षी बेंचों की ओर फेंक दिया।
इस बीच, बापी राजू कन्नीमूरी और विलास मुत्तेमवार सहित कांग्रेस के कई सदस्य सोनिया के समर्थन में आकर खड़े हो गए और एक सदस्य ने यशवीर का मुंह पकड़कर पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान बृजभूषण शरण सिंह और धर्मेंद्र यादव सहित सपा के कई सदस्यों ने धक्का-मुक्की कर रहे सदस्यों का बीच-बचाव करने की कोशिश की।
मामला बढ़ते देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिन से सपा सदस्य इस विधेयक के खिलाफ सदन की कार्यवाही में बाधा डालते आ रहे हैं। आज भी उनके ऐसा किए जाने के कारण सदन तीन बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न तीन बजे शुरू हुआ था, तो इसी बीच यह अप्रत्याशित घटना हो गई।
सदन की बैठक स्थगित होने के बाद कांग्रेस के कई सदस्यों ने सोनिया के इर्द-गिर्द घेरा बना लिया और लगभग सभी दलों के सदस्य आसन के पास आकर बीच बचाव करते देखे गए। नीरज और मुत्तेमवार के बीच गरमागरमी अधिक बढ़ते देख सदस्यों ने दोनों को अलग किया। सपा और बीजेपी के कुछ सदस्य सोनिया द्वारा यशवीर से विधेयक की प्रति वापस लेने के प्रयास की आलोचना करते सुने गए।
शोर-शराबे और हंगामे के बीच मुत्तेमवार यह कहते सुने गए कि 32 वर्षों में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी और यह गलत है। दूसरी ओर, सपा के सदस्य इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहराते रहे। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पास जाकर कुछ बात करते देखे गए। इस दौरान अन्य दलों के सदस्य भी वहां मौजूद थे।
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने एक दूसरे पर टिप्पणी कर रहे सदस्यों को शांत रहने और सदन से बाहर चलने के लिए समझाया और धीरे-धीरे लोग सदन से बाहर जाने लगे। इस बीच, पत्रकार दीर्घा में मौजूद पत्रकारों को वॉच एंड वार्ड के लोग यह कहकर बाहर जाने का आग्रह करते रहे कि सदन स्थगित हो चुका है।
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