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This Article is From May 17, 2016

आयुष मंत्रालय ने दी सफाई, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 'ओम' का जाप जरूरी नहीं

आयुष मंत्रालय ने दी सफाई, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 'ओम' का जाप जरूरी नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र से पहले 'ओम' और अन्य वैदिक मंत्रों का जाप अनिवार्य नहीं, बल्कि ऐच्छिक है।

आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल कुमार गनेरीवाला ने कहा, "योग सत्र से पहले 'ओम' का जाप करने की बाध्यता नहीं है। यह बिल्कुल ऐच्छिक है, कोई चुप भी रह सकता है। कोई इस पर आपत्ति नहीं करेगा।"

वैदिक मंत्रों के जाप के प्रस्ताव की खबर को बताया गलत
गनेरीवाला का यह बयान केंद्र सरकार के परिपत्र के बाद आया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र से 45 मिनट पहले 'ओम' और कुछ वैदिक मंत्रों के जाप का प्रस्ताव है। इस मामले में मीडिया रिपोर्टों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को विवादास्पद बनाने का प्रयास बताते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि 'ओम' का उच्चारण योग का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसे अनिवार्य बनाने का कोई नियम नहीं है। गनेरीवाला ने कहा कि बदलावों के तौर पर आयुष मंत्रालय ने कार्यक्रम में एक नया आसन जोड़ा है और प्रणायाम की अवधि दस मिनटों के लिए बढ़ा दी है।

इस मुद्दे पर जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, 'यह (ओम का जाप) सिख, इस्लाम और बौद्ध धर्म में एक हस्तक्षेप है। इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए।' वहीं अभिनेता अनुपम खेर ने कहा, 'ओम' शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। यह अच्छा होगा, अगर हम इसे विवाद में तब्दील न करें।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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