
- सरकार ने जीएसटी स्लैब को कम कर घरेलू मांग बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती देने का फैसला लिया है
- हेल्थ इंश्योरेंस पर से टैक्स हटाया गया और जीएसटी रेट्स को 4 से घटाकर 2 कर दिया गया है
- कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म का अमेरिकी टैरिफ से कोई संबंध नहीं है
सरकार ने जीएसटी स्लैब को कम करके आम आदमी को दिवाली से पहले तोहफा दिया है. जीएसटी रिफॉर्म में जहां एक तरफ हेल्थ इंश्योरेंस पर से टैक्स हटा दिया गया, वहीं रेट्स को 4 से 2 कर दिया गया. इस बड़े बदलाव पर कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने एनडीटीवी से बातचीत की. उन्होंने इसे बहुत सोचा-समझा और सुनियोजित फैसला बताया.
Watch LIVE | Union Minister Piyush Goyal (@PiyushGoyal) speaks to @vishnundtv on trade, tarrifs and more #NDTVExclusive https://t.co/4jxYOBzvWM
— NDTV (@ndtv) September 4, 2025
'अमेरिका के टैरिफ का कोई लेना-देना नहीं'
हालांकि कॉमर्स मिनिस्टर ने एनडीटीवी से बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि, जीएसटी की घोषणा का समय - जो बुधवार देर रात किया गया - का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए 50% टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं है, जिससे अमेरिका को भारत से होने वाले लगभग 48 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट पर असर पड़ने की उम्मीद है.
'सरकार कर रही घरेलू डिमांड बढ़ाने पर काम'
कई लोगों का मानना है कि जीएसटी को रेशनलाइजेशन बनाने का फैसला ट्रंप टैरिफ के खिलाफ सरकार का रिएक्शन है. सरकार रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम करके घरेलू डिमांड को बढ़ाने पर काम कर रही है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलने की उम्मीद है.
'ये बड़ा फैसला रातों-रात नहीं हो सकता'
उन्होंने कहा कि, "कुछ सेक्टर, जैसे कपड़ा, जूते और खाद्य उत्पाद - जो अमेरिकी टैरिफ से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे, उन्हें जीएसटी रिफॉर्म से फायदा मिलना सिर्फ एक "संयोग" है. यह बड़ा फैसला निश्चित रूप से रातों-रात नहीं किया जा सकता था."
'जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार ऊंची रही'
कॉमर्स मिनिस्टर गोयल ने ये भी कहा कि, "नए जीएसटी स्लैब निश्चित रूप से देश की जीडीपी को बढ़ावा देंगे, जो इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही, यानी वित्त वर्ष 2025/26 में 7.8% रहने का अनुमान है. पहले अनुमान 6.5% था. जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार ऊंची रही है. हम महंगाई की दर को 1.55% तक लाने में सफल रहे हैं. इसका जीडीपी ग्रोथ पर बहुत पॉजिटिव असर रहेगा. जीएसटी रिफॉर्म से डिमांड और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलने से भारत 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा."
सूत्रों ने पहले एनडीटीवी को बताया था कि यह रिफॉर्म अब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार के पास आठ साल का डेटा है, जिसका इस्तेमाल सिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए करना चाहती है. सूत्रों ने यह भी बताया कि सिर्फ 5 और 18% के स्लैब को इसलिए बनाए रखा गया है क्योंकि अब तक 74% टोटल जीएसटी कलेक्शन इसी रेट्स से हुआ है.
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