बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीते दिनों लालू परिवार पर ED की छापेमारी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पटना में कहा कि मैं इस तरह के छापों से झुकने वाला नहीं हूं. इस तरह के छापों से ये तो तय हो गया कि BJP में लड़ने की हिम्मत नहीं है. BJP का बिहार में कोई राजनीतिक जमीन, चेहरा और वोट नहीं है, इसलिए ये संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस दिन हम लोग जेडीयू के साथ मिलकर सरकार बना रहे थे उस दिन भी छापे पड़े थे. ऐसे में आपको क्रोनोलॉजी समझना चाहिए. जिस दिन विधानसभा में ट्रस्ट वोट था उस दिन भी छापे पड़ रहे थे, उन छापों का क्या हुआ. कितने मिले, 100 करोड़, 1000 करोड़. मैं आपको 2017 लेकर चलता हूं. उस दौरान तो कहा गया था कि हमारे परिवार के पास से 1000 करोड़, बेनामी संपत्ति और ना जानें क्या-क्या मिला है. उस मामले में इनकम टैक्स, ED, CBI ने जांच की. आज 2023 है, यानी छह साल बीत चुके हैं, अब बताइये बीते छह साल में क्या हुआ इन संपत्तियों का.
"अपना स्क्रिप्ट और डायलॉग राइटर बदल लें..." : ED की छापेमारी के बाद BJP पर तेजस्वी यादव pic.twitter.com/tFoMrDws9F
— NDTV India (@ndtvindia) March 13, 2023
तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं BJP से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि जो भी इनके डायरेक्टर या जो भी इनका स्क्रीप्ट राइटर होगा. उसे अब बदल देना चाहिए. क्योंकि अब एक ही बात बार-बार की जाए वो सही नहीं लगता. इस बार फिर से वही 600 करोड़, तेजस्वी घर से खजाना. मैं तो कहता हूं ठेंगा मिला फिर इनको.
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम फर्जी Entire Political Science वाले नहीं बल्कि Real Public Science वाले समाजवादी लोग हैं. भाजपाइयों के झूठ, अफ़वाह और फर्जी राजनीतिक मुक़दमों से लड़ने के लिए ज़िगर चाहिए. हमारे पास राजनीतिक जमीन भी है, जिगर भी है और ज़मीर भी है. आपके पास छल बल और धनबल है तो हमारे पास जन बल है.
इस दौरान तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि एजेंसियों ने बीते दिनों 24 लोकेशन पर छापेमारी की. इन तमाम जगहों से एजेंसियों को उतना भी नहीं मिला जितना करोड़ों unaccounted Cash इनके केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के घर से मिला था. कर्नाटक में भाजपाई MLA के घर से 8 करोड़ मिले. क्या IT/CBI/ED वहां भी पहुंची? नहीं ना?
तेजस्वी यादव ने कहा कि क्या आपके घर में आपकी मां-बहन, बेटी मंगलसूत्र, कंगन, कानों के आभूषण और हाथ में अंगूठी नहीं पहनती ? मेरी जिन बहनों के घर छापेमारी हुई उनका हमारी राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. उनकी शादी आज से 12-15 वर्षों पहले हुई है. उनके घरों में प्रयोग किए गए आभूषणों की फोटों खींच ये लोग मीडिया को दे रहे हैं. अपनी मां-बहनों और बेटियों के साथ भी ये लोग ऐसा ही करते है क्या? लोकतंत्र में इन लोगो ने कोई लोकलाज नहीं छोड़ा है.
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