नई दिल्ली:
'माचिस' से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले चंद्रचूड़ सिंह दिल्ली की गलियों में दिखाई दिए. मौका था दिल्ली के एमसीडी चुनावों में नेहा चौकन के प्रचार का. नेहा हरिनगर बी के वार्ड नंबर 97 एस मैदान में हैं. नेहा चौकन ने बताया कि चंद्रचूड़ हमारे फैमिली फ्रेंड हैं. अच्छे-ख़ासे हुजूम के बीच चंद्रचूड़ ने करीब दो घंटों तक इलाके में मार्च किया. एक समय चंद्रचूड़ इस इंडस्ट्री से गायब हो गए थे अब अचानक दिल्ली की सड़कों पर हुजूम के साथ दिखना बहुत कुछ बयां करता है. छोटे से करियर के बावजूद चंद्रचूड़ को चाहने वालों की संख्या कम नहीं थी, लेकिन एक दुर्घटना ने उन्हें इस इंडस्ट्री से दूर कर दिया. एमसीडी चुनावों के जरिए एक बार फिर वो लोगों के बीच दिखाई दे रहे हैं. एक बार फिर दावा करते दिख रहे हैं कि मैं लौट आया हूं.
चंद्रचूड़ ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'तेरे मेरे सपने' से 1996 में की थी. फिल्म सुपरहिट रही थी और चंद्रचूड़ एकाएक लाइमलाइट में आ गए. अभिनेता के रूप में पहचान उन्हें गुलजार की 'माचिस' से मिली. इसके बाद 'दिल क्या करे', 'दाग द फायर', 'जोश', 'क्या कहना', 'आमदनी अठ्ठनी खर्चा रुपया' और 'सरहद पार' में काम किया. इनमें से कुछ फिल्में चलीं और कुछ नहीं, लेकिन अचानक से चंद्रचूड़ गायब हो गए.
पूर्व सांसद के बेटे थे चंद्रचूड़
चंद्रचूड़ का परिवार यूपी के अलीगढ़ से था, लेकिन इनका जन्म 11 अक्टूबर 1968 को नई दिल्ली में हुआ था. इनके पिता यूपी के खैर के पूर्व सांसद थे जबकि मां ओडिशा के बोलंगिर के महाराजा की बेटी थीं. चंद्रचूड़ के दो भाई हैं. आदित्य सिंह और अभिमन्यू सिंह.
भयानक एक्सीडेंट हुआ था
चंद्रचूड़ का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया था. वह गोवा में बोट राइडिंग कर रहे थे, तभी हादसा हुआ. इस हादसे में वह बुरी तरह जख्मी हुए. इसके बाद तो चंद्रचूड़ का करियर ठप पड़ गया. इससे उबरने में चंद्रचूड़ को करीब 10 साल लग गए.
घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की खबरें भी आईं
चंद्रचूड़ के घर की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई. उन्होंने 'चार दिन की चांदनी' फिल्म से वापसी की, लेकिन यह फ्लॉप रही. बीच में उनके एक सीरियल में भी काम करने की भी खबरें थीं, लेकिन बात नहीं बन पाई.
चंद्रचूड़ ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'तेरे मेरे सपने' से 1996 में की थी. फिल्म सुपरहिट रही थी और चंद्रचूड़ एकाएक लाइमलाइट में आ गए. अभिनेता के रूप में पहचान उन्हें गुलजार की 'माचिस' से मिली. इसके बाद 'दिल क्या करे', 'दाग द फायर', 'जोश', 'क्या कहना', 'आमदनी अठ्ठनी खर्चा रुपया' और 'सरहद पार' में काम किया. इनमें से कुछ फिल्में चलीं और कुछ नहीं, लेकिन अचानक से चंद्रचूड़ गायब हो गए.
फिल्म माचिस में चंद्रचूड़ सिंह
पूर्व सांसद के बेटे थे चंद्रचूड़
चंद्रचूड़ का परिवार यूपी के अलीगढ़ से था, लेकिन इनका जन्म 11 अक्टूबर 1968 को नई दिल्ली में हुआ था. इनके पिता यूपी के खैर के पूर्व सांसद थे जबकि मां ओडिशा के बोलंगिर के महाराजा की बेटी थीं. चंद्रचूड़ के दो भाई हैं. आदित्य सिंह और अभिमन्यू सिंह.
भयानक एक्सीडेंट हुआ था
चंद्रचूड़ का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया था. वह गोवा में बोट राइडिंग कर रहे थे, तभी हादसा हुआ. इस हादसे में वह बुरी तरह जख्मी हुए. इसके बाद तो चंद्रचूड़ का करियर ठप पड़ गया. इससे उबरने में चंद्रचूड़ को करीब 10 साल लग गए.
घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की खबरें भी आईं
चंद्रचूड़ के घर की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई. उन्होंने 'चार दिन की चांदनी' फिल्म से वापसी की, लेकिन यह फ्लॉप रही. बीच में उनके एक सीरियल में भी काम करने की भी खबरें थीं, लेकिन बात नहीं बन पाई.
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