विज्ञापन
This Article is From Oct 20, 2016

ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि मोबाइल रेडिएशन से लोगों पर असर पड़ता है : केंद्र सरकार

ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि मोबाइल रेडिएशन से लोगों पर असर पड़ता है : केंद्र सरकार
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...
नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि अभी तक ऐसा कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है, जिससे पता चले कि मोबाइल रेडिएशन से लोगों को असर पड़ता है.

इलेक्ट्रो मेग्नेटिक फील्ड रेडिएशन यानी EMF को लेकर दुनियाभर में खूब रिसर्च हुई हैं और पिछले 30 साल में करीब 25 हजार आर्टिकल भी छपे हैं. हाल ही के रिसर्च के बाद WHO इस नतीजे पर पहुंचा है कि अभी तक मिले सबूत ये साबित नहीं करते कि रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पडता है.

24 अगस्त 2010 को इस बारे में एक कमेटी का गठन भी किया था, जिसे मोबाइल फोन से लेकर बेस स्टेशन तक निकलने वाली रेडिएशन की छानबीन करने को कहा गया था. कमेटी ने देश और विदेशों में हुई पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च को देखने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि लैब में हुई ज्यादातर रिसर्च से ये साबित नहीं होता कि EMF और स्वास्थ्य के बीच में कोई सीधा संबंध है. ये रिसर्च ये साबित नहीं कर पाई हैं कि रेडिएशन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पडता है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि आम लोगों के पास ऐसा यंत्र होना चाहिए, जो पता लगा सके कि रेडिएशन का स्तर क्या है? कोर्ट ने कहा है कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन से पक्षी गायब हो रहे हैं. या कोई सिस्टम होना चाहिए, जिससे लोगों को रेडिएशन का पता चले. कोर्ट ने यह भी कहा कि रेडिएशन को लेकर लोगों के मन में जो डर है वह दूर होना चाहिए. विदेशों की तुलना में देश में सरकार के रेडिएशन को लेकर क्या स्टैंडर्ड है? क्या मोबाइल टावर रेडिएशन को लेकर नियमों का उल्लंघन हुआ है, क्या एक्शन लिया गया? कोर्ट ने केंद्र को कुछ सवालों के जवाब देने को कहा था कि क्या कभी मोबाइल टावर की रेडिएशन को लेकर कोई स्टडी की गई कि इसका लोगों और पक्षियों पर क्या असर पड़ता है? क्या सरकार ने रेडिएशन की कोई लिमिट तय की है?

सुप्रीम कोर्ट मोबाइल टावरों से होने वाली रेडिएशन को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि संसदीय दल ने कहा था कि जिन जगहों पर जनसंख्या ज्यादा है, वहां से टावरों को हटाया जाए, लेकिन केंद्र ने कुछ नहीं किया.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट, मोबाइल रेडिएशन, मोबाइल टावर, Central Government, Supreme Court (SC), Mobile Radiation, Mobile Towers, Electro Magnetic Field Radiation, इलेक्ट्रो मेग्नेटिक फील्ड रेडिएशन
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com