एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक के लासलगांव की कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) ने 40 फीसदी निर्यात शुल्क (Export Duty) लगाने के केंद्र के फैसले के विरोध में मंगलवार को अनिश्चित काल के लिए प्याज का व्यापार बंद कर दिया. इससे सरकार को राज्य से प्याज खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने निर्यात प्रतिबंधों के बीच किसानों की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र में 2410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज की खरीद शुरू की है.
वाणिज्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से कहा कि प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने के साथ ही सरकार ने ‘बफर स्टॉक' के लिए किसानों से अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने का फैसला किया है. गोयल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "एनसीसीएफ और नेफेड ने सोमवार को देश भर के उपभोक्ताओं के लिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की बिक्री शुरू की थी. आज इसे और बढ़ावा दिया जाएगा. उपभोक्ता और किसान दोनों हमारे लिए कीमती हैं. मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वे चिंता न करें और अपनी उपज अच्छी कीमत पर बेचें.”
किसानों को चिंता करने की कोई बात नहीं-गोयल
पीयूष गोयल ने कहा, "किसानों को चिंता करने की कोई बात नहीं है. उन्हें घबराहट में बिक्री नहीं करनी चाहिए. मैं एकनाथ शिंदे (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) और देवेंद्र फडनवीस (उपमुख्यमंत्री) दोनों के साथ लगातार बातचीत कर रहा हूं. अजीत पवार और मैंने कई बार बात की है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा, '' मैं महाराष्ट्र के कृषि मंत्री और कई अन्य राज्य मंत्रियों के संपर्क में हूं.'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र कीमतों को स्थिर रखने के लिए उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज उपलब्ध कराएगा.
19 अगस्त को सरकार ने लगाया था निर्यात शुल्क
सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 अगस्त को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था. यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर जारी रहेगा. इसके साथ ही केंद्र ने किसानों से दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ‘बफर स्टॉक' का आकार बढ़ाएगी और जरूरत पड़ने पर किसानों से अधिक खरीद करेगी.
ये एक ऐतिहासिक दर-गोयल
पीयूष गोयल ने कहा, "यह एक ‘ऐतिहासिक दर' है. किसानों को आम तौर पर निर्यात से मिलने वाले औसत 1,800-1,900 रुपये प्रति क्विंटल से काफी अधिक है." गोयल ने कहा, "कुछ राजनीतिक विरोधी (निर्यात पर अंकुश के बारे में) गलत तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं प्याज का उत्पादन करने वाले राज्यों के सभी किसानों से आग्रह करूंगा कि वे चिंता न करें और घबराहट में बिक्री न करें. एनसीसीएफ और एनएएफईडी को किसानों से प्याज खरीदने का निर्देश दिया गया है.''
निर्यात शुल्क लगाने से किसानों पर नहीं पड़ेगा असर-मुंडे
संवाददाता सम्मेलन में ही मौजूद महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा, ‘‘ निर्यात शुल्क लगाए जाने के बावजूद किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्हें अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा और साथ ही उपभोक्ताओं को उचित दरों पर प्याज मिलेगा.''
बता दें कि इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया. मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं.
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