Cabinet Decision On Classical Language: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट ने पांच और भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दे दी है. इनमें मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाएं शामिल हैं. इसके साथ ही अब 11 शास्त्रीय भाषाएं हो जाएंगी.
पहले किन्हें मिला था दर्जा?
इससे पहले ही तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओडिया को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी जा चुकी है. दरअसल, भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2004 को "शास्त्रीय भाषाओं" के रूप में भाषाओं की एक नई श्रेणी बनाने का फैसला किया था, जिसके तहत तमिल को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया था. सरकार ने शास्त्रीय भाषा के तहत दर्जा देने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए थे. इसमें ग्रंथों की उच्च प्राचीनता या एक हजार वर्षों से अधिक का इतिहास देखा जाएगा.
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने साहित्य अकादमी के तहत नवंबर 2004 में शास्त्रीय भाषा के दर्जे के लिए प्रस्तावित भाषाओं की जांच करने के लिए एक भाषा विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया था. नवंबर 2005 में इसके नियमों में कुछ और संशोधन किया और इसके बाद संस्कृत को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मराठी भारत का गौरव है. इस भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर बधाई. यह सम्मान हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है. मराठी हमेशा से भारतीय विरासत का आधार रही है. मुझे यकीन है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से और भी अधिक लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे."
दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मुझे बहुत खुशी है कि महान बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है, खासकर दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर. बंगाली साहित्य ने वर्षों से अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है. मैं इसके लिए दुनिया भर के सभी बंगाली भाषियों को बधाई देता हूं."
Marathi is India's pride.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 3, 2024
Congratulations on this phenomenal language being accorded the status of a Classical Language. This honour acknowledges the rich cultural contribution of Marathi in our nation's history. Marathi has always been a cornerstone of Indian heritage.
I am…
असमिया पर ये लिखा
वहीं असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने पर पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "मुझे बेहद खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद असमिया को अब शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल जाएगा. असमिया संस्कृति सदियों से समृद्ध रही है और इसने हमें एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है. आने वाले समय में यह भाषा और भी अधिक लोकप्रिय होती रहेगी. मेरी बधाई."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और एक्स पोस्ट में लिखा, "पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति के मूल हैं. ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं हैं. वे अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं. शास्त्रीय भाषाओं के रूप में उनकी मान्यता भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान करती हैं. मुझे विश्वास है कि उन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के कैबिनेट के फैसले के बाद, अधिक लोग उनके बारे में जानने के लिए प्रेरित होंगे."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं