केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयकर और अप्रत्यक्ष कर के लिए लोकप्रहरी (ओम्बुड्समन) की संस्थाओं को समाप्त करने की मंजूरी दे दी है, क्योंकि वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बाद इनके पास शिकायतों का आना बिल्कुल कम हो गया था. इसकी वजह यह है कि लोग अब ऑनलाइन शिकायत निपटान प्रणाली को तरजीह दे रहे हैं. आयकर लोकप्रहरी संस्थान की स्थापना 2003 में जनता की आयकर से संबंधित शिकायतों के निपटारे के उद्देश्य से की गई थी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह संस्थान अपने उद्देश्यों को हासिल करने में विफल रहा और नई शिकायतों की संख्या घटकर से 10 से भी नीचे आ गई है.
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बयान में कहा गया है कि यह मंजूरी ऐसे समय दी गई है जबकि लोक वैकल्पिक शिकायत निपटान प्रणाली के विकल्प को चुन रहे हैं और लोकप्रहरी संस्था एक नियमित समानान्तर शिकायत निपटान प्रणाली से अधिक प्रभावी साबित नहीं हो रहा है. बयान में कहा गया है कि आयकर लोकप्रहरी तथा अप्रत्यक्ष कर लोकप्रहरी दोनों को समाप्त किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि करदाता अब वैकल्पिक शिकायत निपटान प्रणाली की ओर रुख कर रहे हैं.
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इनमें केंद्रीयकृत लोक शिकायत निपटान और निगरानी प्रणाली तथा आयकर सेवा केंद्र शामिल हैं.
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