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This Article is From Jan 24, 2024

जरूरी है कि पार्टियां ऐसी चर्चा में शामिल हो जो विभाजित करने के बजाय प्रेरित करे : सीईसी कुमार

‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कुमार ने मतदान करने के प्रति शहरी और युवाओं की उदासीनता का भी जिक्र किया और उम्मीद जताई कि इस साल, युवा मतदान करने के लिए बाहर आएंगे और अपने साथियों को प्रेरित करके एक शानदार उदाहरण पेश करेंगे.

जरूरी है कि पार्टियां ऐसी चर्चा में शामिल हो जो विभाजित करने के बजाय प्रेरित करे : सीईसी कुमार

नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक दल भारत के जीवंत लोकतंत्र की धुरी हैं और यह जरूरी है कि वे ऐसी चर्चाओं में शामिल हों जो विभाजित करने के बजाय प्रेरित करें. कुमार ने यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों के विश्वास और भरोसे को कम करने के लिए गलत सूचना, ‘डीपफेक' और कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि चुनावों की सुचिता को बनाए रखने के लिए झूठे आख्यानों का त्वरित और मजबूती से जवाब दिया जाएगा.

‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस' की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कुमार ने मतदान करने के प्रति शहरी और युवाओं की उदासीनता का भी जिक्र किया और उम्मीद जताई कि इस साल, युवा मतदान करने के लिए बाहर आएंगे और अपने साथियों को प्रेरित करके एक शानदार उदाहरण पेश करेंगे.

चुनाव आयोग की स्थापना भारत के गणतंत्र बनने से एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुई थी. गत 14 साल से 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है. कुमार ने कहा, ‘‘ राजनीतिक दल हमारे जीवंत लोकतंत्र की धुरी हैं. आयोग का राजनीतिक दलों के साथ संबंध तीन स्तंभों पूर्ण प्रकटीकरण, पूर्ण भागीदारी और सुनिश्चित जवाबदेही पर आधारित करता है .''

कुमार ने कहा कि चूंकि देश लोकसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, इसलिए चुनाव आयोग उनसे निरंतर समर्थन की अपील करता है और उन्हें हमारे पूर्ण सहयोग का आश्वासन देता है.

सीईसी ने कहा, ‘‘ नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देना लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आकार देने और हमारे युवा मतदाताओं को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह जरूरी है कि राजनीतिक दल ऐसी चर्चाओं में शामिल हों जो विभाजन के बजाय प्रेरणा दें, जो व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा दें.''

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव आयोग के सबसे बड़े हितधारक हैं और उन्हें नैतिक यात्रा सुनिश्चित करने में इसके सबसे अच्छे भागीदार बनना चाहिए. कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ‘युवाओं और शहरी उदासीनता जो हम हाल ही में देख रहे हैं' को कम करने के लिए युवा पीढ़ी से जुड़ना चाहता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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