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This Article is From Nov 11, 2021

‘अपमानजनक’ पोस्ट: सीबीआई ने दो आरोपियों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से मदद मांगी

अधिकारियों ने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ  इंटरपोल वाशिंगटन से संपर्क किया है.

‘अपमानजनक’ पोस्ट: सीबीआई ने दो आरोपियों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से मदद मांगी
सीबीआई ने अमेरिकी अधिकारियों से दो आरोपियों के सिलसिले में मदद मांगी
नई दिल्ली :

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) (Central Bureau Of investigation) ने न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ कथित अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट से संबंधित एक मामले में दो आरोपियों सी प्रभाकर रेड्डी उर्फ ‘‘पंच'' प्रभाकर और मणि अन्नपुरेड्डी पर नजर रखने के लिए अमेरिका में अधिकारियों से मदद मांगी है. दोनों आरोपियों के बारे में माना जाता है कि वे अमेरिका में रह रहे हैं. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने भारत की अदालतों से दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल किया है.  इंटरपोल (The International Criminal Police Organization) तंत्र के तहत सीबीआई भारत के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) (National Crime Bureau) है.

अधिकारियों ने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ  इंटरपोल वाशिंगटन से संपर्क किया है, जो अमेरिका का एनसीबी है. उन्होंने बताया कि इंटरपोल के ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस' का इस्तेमाल कर आरोपियों के ठिकाने की जानकारी जुटाई गई थी.  हर देश में एक एनसीबी होता है, जो इंटरपोल के साथ जुड़ी एजेंसी है. सीबीआई ने मामले में श्रीधर रेड्डी अवथु, जलागम वेंकट सत्यनारायण, गुडा श्रीधर रेड्डी, श्रीनाथ सुस्वरम, किशोर कुमार दरिसा उर्फ किशोर रेड्डी दरिसा और सुदुलुरी अजय अमृत के खिलाफ छह और आरोपपत्र दाखिल किए हैं.

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा कि एजेंसी ने इन आरोपियों को 22 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पूर्व में इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ पांच अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए थे.
इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किए गए 11 आरोपियों के खिलाफ अब तक 11 आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं.  प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एक और आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाने की दिशा में जांच जारी है. उसका यूट्यूब चैनल भी ब्लॉक कर दिया गया है.''

प्रवक्ता ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट पर सार्वजनिक डोमेन से आपत्तिजनक पोस्ट को हटा दिया. उन्होंने कहा कि मामले में 12 आरोपियों और 14 अन्य से पूछताछ की गई. डिजिटल फॉरेंसिक तकनीक का उपयोग करके डिजिटल प्लेटफॉर्म से सबूत भी जुटाए गए हैं.

जोशी ने कहा, ‘‘सीबीआई पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) चैनल के माध्यम से आरोपी के फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट, फेसबुक पोस्ट, ट्वीट, फेसबुक, ट्विटर, गूगल से यूट्यूब वीडियो से संबंधित जानकारी एकत्र करने के लिए आगे बढ़ी है.'' उन्होंने कहा कि जांच के दौरान मोबाइल फोन और टैबलेट कंप्यूटर सहित 13 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए और 53 मोबाइल कनेक्शनों की कॉल डिटेल हासिल की गई.

जोशी ने कहा कि सीबीआई ने 11 नवंबर, 2020 को 16 आरोपियों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज किया और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से 12 प्राथमिकी की जांच अपने हाथ में ले ली.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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