
- सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-V के तहत HPZ क्रिप्टो करेंसी टोकन फ्रॉड केस में देशभर में सात जगहों पर छापेमारी की
- 2021 से 2023 के बीच फर्जी शेल कंपनियों के जरिए लोन, नौकरी और क्रिप्टो निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी हुई
- ठगी के पैसे को फर्जी बैंक खातों से क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशों में भेजने के लिए पेमेंट रूट का इस्तेमाल
साइबर अपराधों के खिलाफ चल रहे 'ऑपरेशन चक्र-V' के तहत सीबीआई ने देशभर में एक बड़ी कार्रवाई की है. यह कार्रवाई HPZ क्रिप्टो करेंसी टोकन फ्रॉड केस से जुड़ी है, जिसमें अब तक करोड़ों रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है. 3 अक्टूबर को सीबीआई की टीमों ने दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और बेंगलुरु में 7 जगहों पर एकसाथ छापेमारी की. इस दौरान एजेंसी ने महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत और फाइनेंशियल रिकॉर्ड बरामद किए.
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि 2021 से 2023 के बीच देशभर में लोगों को लोन, नौकरी, निवेश और क्रिप्टोकरेंसी स्कीम्स के नाम पर ठगा गया. इसके लिए शेल कंपनियां (फर्जी कंपनियां) बनाई गईं. इन कंपनियों के जरिए फर्जी बैंक अकाउंट खोले गए. ठगे गए पैसे को इन्हीं अकाउंट्स से क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया. पूरी ठगी को छिपाने के लिए कई लेयर वाले पेमेंट रूट अपनाए गए.
सीबीआई की जांच में पता चला है कि विदेशी मास्टरमाइंड्स ने भारतीय नागरिकों की मदद से यह पूरा नेटवर्क खड़ा किया. भारत में बनाई गई फर्जी कंपनियों को फिनटेक और पेमेंट एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्टर किया गया, ताकि आसानी से लोगों से पैसे वसूले जा सकें. CBI ने इस केस में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन्हें कोर्ट में पेश किया जा रहा है.
सीबीआई अब इस मामले में क्रॉस-बॉर्डर मनी ट्रेल खंगाल रही है अन्य आरोपी और कंपनियों की पहचान कर रही है और पूरे नेटवर्क की गहराई तक जांच कर रही है. CBI का कहना है कि वह साइबर अपराध और फाइनेंशियल फ्रॉड्स के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई जारी रखेगी और एडवांस डिजिटल फॉरेंसिक तकनीकों की मदद से ऐसे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा.
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