पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन (फाइल फोटो)
चेन्नई:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के चेन्नई स्थित आवास पर छापेमारी की. 63 वर्षीय नटराजन जुलाई 2011 से लेकर दिसंबर 2013 तक यूपीए-2 के शासनकाल में पर्यावरण मंत्री थीं.
सूत्रों के अनुसार सीबीआई उन तीन शिकायतों की जांच कर रही है जिनके अनुसार यूपीए शासन के दौरान नटराजन ने पर्यावरण मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया था.
मामला जयंती द्वारा उनके कार्यकाल में नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन के लिए वन विभाग की जमीन की स्थिति बदलने की खातिर मंजूरी देने से संबंधित है. एजेंसी ने जयंती, इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड (ईसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल और कंपनी के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
मामला 2012 में वन संरक्षण अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को झारखंड के सिंहभूम जिले के सारंडा वन के वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी देने से संबंधित है.
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी लेकिन जयंती ने पद संभालने के बाद कथित रूप से उसे मंजूरी दे दी. सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया, ‘‘तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयंती नटराजन ने ईसीएल को गैर वन्य इस्तेमाल के लिए 55.79 हेक्टेयर वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी दी, जबकि उनके पूर्ववर्ती राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी और इसके बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव ना होने के बावजूद मंजूरी दी गयी.’’ एजेंसी ने कहा कि वन महानिदेशक के सुझाव और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किए बिना मंजूरी दी गयी.
2015 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. उस वक्त उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि पहले तो राहुल गांधी ने उन्हें पर्यावरण की रक्षा करने का निर्देश दिया और बाद में 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक रूप से उनके फैसलों की आलोचना की.
VIDEO: जयंती नटराजन से पूछताछ संभव
(इनपुट भाषा से...)
सूत्रों के अनुसार सीबीआई उन तीन शिकायतों की जांच कर रही है जिनके अनुसार यूपीए शासन के दौरान नटराजन ने पर्यावरण मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया था.
मामला जयंती द्वारा उनके कार्यकाल में नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन के लिए वन विभाग की जमीन की स्थिति बदलने की खातिर मंजूरी देने से संबंधित है. एजेंसी ने जयंती, इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड (ईसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल और कंपनी के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
मामला 2012 में वन संरक्षण अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को झारखंड के सिंहभूम जिले के सारंडा वन के वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी देने से संबंधित है.
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी लेकिन जयंती ने पद संभालने के बाद कथित रूप से उसे मंजूरी दे दी. सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया, ‘‘तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयंती नटराजन ने ईसीएल को गैर वन्य इस्तेमाल के लिए 55.79 हेक्टेयर वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी दी, जबकि उनके पूर्ववर्ती राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी और इसके बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव ना होने के बावजूद मंजूरी दी गयी.’’ एजेंसी ने कहा कि वन महानिदेशक के सुझाव और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किए बिना मंजूरी दी गयी.
2015 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. उस वक्त उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि पहले तो राहुल गांधी ने उन्हें पर्यावरण की रक्षा करने का निर्देश दिया और बाद में 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक रूप से उनके फैसलों की आलोचना की.
VIDEO: जयंती नटराजन से पूछताछ संभव
(इनपुट भाषा से...)
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