पूर्वी ट्रेडर्स कंपनी पर करोड़ों रुपया गैरकानूनी तरीके से विदेश भेजने का आरोप है
नई दिल्ली:
सीबीआई ने 11.92 करोड़ रुपये की राशि अवैध रूप से हॉगकांग भेजे जाने के मामले में मुंबई आधारित एक कंपनी पर मामला दर्ज किया है. विदेश में एक बार में एक लाख डॉलर से कम की रकम भेजने संबंधी कंपनी की इस तरकीब को यहां के अशोक विहार स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के कई एंट्री ऑपरेटरों ने साल 2015 में अपनाया था.
साल 2015 में यह पाया गया कि कई एंट्री ऑपरेटरों ने एक बार में एक लाख डॉलर से कम की राशि भेजने की तरकीब के जरिए हॉगकांग और दुबई आधारित कई इकाइयों को 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भेजी. एंट्री ऑपरेटर वे एजेंट हैं जो आम बैंकिंग माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए कालेधन को इधर-उधर भेजते हैं तथा अपनी तरकीब की वजह से बैंकिंग नियामकों की नजर में भी नहीं आते.
सीबीआई ने मुंबई के गिरगांव आधारित कंपनी पूर्वी ट्रेडर्स, इसके मालिक प्रदीप राव और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है. आरोप है कि इस कंपनी ने तीन मार्च से 26 मार्च, 2015 के बीच हॉगकांग आधारित ग्लोबल इंक लिमिटेड को कुल 19.12 लाख डॉलर (11.96 करोड़ रुपये) भेजे. ये रकम एक लाख डॉलर से कम की रकम के जरिए 21 बार में भेजी गई.
बैंक के उप महाप्रबंधक सुनील कुमार श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में सीबीआई से कहा कि हर बार हस्तांतरित की गई रकम एक लाख डॉलर से कम की थी इसलिए इस बारे में बीईएफ स्टेटमेंट के माध्यम से रिजर्व बैंक को सूचित नहीं किया गया. बैंक का आरोप है कि जब राव और उनकी कंपनी से बैंक ने आयात का सबूत और एंट्री का बिल मांगा तो उनकी ओर से जरूरी दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
साल 2015 में यह पाया गया कि कई एंट्री ऑपरेटरों ने एक बार में एक लाख डॉलर से कम की राशि भेजने की तरकीब के जरिए हॉगकांग और दुबई आधारित कई इकाइयों को 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भेजी. एंट्री ऑपरेटर वे एजेंट हैं जो आम बैंकिंग माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए कालेधन को इधर-उधर भेजते हैं तथा अपनी तरकीब की वजह से बैंकिंग नियामकों की नजर में भी नहीं आते.
सीबीआई ने मुंबई के गिरगांव आधारित कंपनी पूर्वी ट्रेडर्स, इसके मालिक प्रदीप राव और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है. आरोप है कि इस कंपनी ने तीन मार्च से 26 मार्च, 2015 के बीच हॉगकांग आधारित ग्लोबल इंक लिमिटेड को कुल 19.12 लाख डॉलर (11.96 करोड़ रुपये) भेजे. ये रकम एक लाख डॉलर से कम की रकम के जरिए 21 बार में भेजी गई.
बैंक के उप महाप्रबंधक सुनील कुमार श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में सीबीआई से कहा कि हर बार हस्तांतरित की गई रकम एक लाख डॉलर से कम की थी इसलिए इस बारे में बीईएफ स्टेटमेंट के माध्यम से रिजर्व बैंक को सूचित नहीं किया गया. बैंक का आरोप है कि जब राव और उनकी कंपनी से बैंक ने आयात का सबूत और एंट्री का बिल मांगा तो उनकी ओर से जरूरी दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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