नई दिल्ली:
अभी तो चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री पद संभाले हुए एक ही साल हुआ है। अभी तो सरकार की पहली वर्षगांठ की खुशियां भी ढंग से नहीं मन पायीं थीं कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।
एक स्थानीय चैनल (टीन्यूज) ने एक ऑडियो टेप चलाया है, जिसके बारे में चैनल की ओर से कहा गया है कि यह चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ सुबूत है। चैनल का दावा है कि पिछले रविवार को वोट के बदले नोट मामले में पकड़े गए टीडीपी विधायक को पूरी तरह से पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का समर्थन हासिल था। यह चैनल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के परिवार का बताया जाता है।
पिछले रविवार को टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को तेलंगाना विधान परिषद के लिए चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 50 हजार रुपये भी जब्त किए थे।
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जारी ऑडियो-वीडियो टेप में रेवंत रेड्डी बार-बार अपने बॉस के बारे में बात कर रहा है। उसने कई जगह पर चंद्रबाबू का नाम भी लिया है और उन्हें 'बाबू गारु' नाम से पुकारा है। वीडियों में वो कह रहा है कि उसे चंद्रबाबू ने ही इस काम के लिए नियुक्त किया है।
तेलंगाना के गृह मंत्री ने तो यहां तक दावा किया है कि उनके पास इस मामले में चंद्रबाबू नायडू के सीधे शामिल होने के सुबूत के रूप में फोन रिकॉर्डिंग भी है। उन्होंने दावा किया है कि चंद्रबाबू ने टीआरएस के कुछ अन्य विधायकों से भी संपर्क किया था।
तेलंगाना के गृह मंत्री के साथ ही अन्य मंत्री भी इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को अभियुक्त बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि रेवंत रेड्डी दो अन्य साथियों के साथ फिलहाल मंगलवार तक पुलिस हिरासत में है।
उधर टीडीपी ने तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव सरकार पर गैर कानूनी तरीके से पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के फोन टैप करने का आरोप लगाया है।
एक स्थानीय चैनल (टीन्यूज) ने एक ऑडियो टेप चलाया है, जिसके बारे में चैनल की ओर से कहा गया है कि यह चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ सुबूत है। चैनल का दावा है कि पिछले रविवार को वोट के बदले नोट मामले में पकड़े गए टीडीपी विधायक को पूरी तरह से पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का समर्थन हासिल था। यह चैनल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के परिवार का बताया जाता है।
पिछले रविवार को टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को तेलंगाना विधान परिषद के लिए चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 50 हजार रुपये भी जब्त किए थे।
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जारी ऑडियो-वीडियो टेप में रेवंत रेड्डी बार-बार अपने बॉस के बारे में बात कर रहा है। उसने कई जगह पर चंद्रबाबू का नाम भी लिया है और उन्हें 'बाबू गारु' नाम से पुकारा है। वीडियों में वो कह रहा है कि उसे चंद्रबाबू ने ही इस काम के लिए नियुक्त किया है।
तेलंगाना के गृह मंत्री ने तो यहां तक दावा किया है कि उनके पास इस मामले में चंद्रबाबू नायडू के सीधे शामिल होने के सुबूत के रूप में फोन रिकॉर्डिंग भी है। उन्होंने दावा किया है कि चंद्रबाबू ने टीआरएस के कुछ अन्य विधायकों से भी संपर्क किया था।
तेलंगाना के गृह मंत्री के साथ ही अन्य मंत्री भी इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को अभियुक्त बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि रेवंत रेड्डी दो अन्य साथियों के साथ फिलहाल मंगलवार तक पुलिस हिरासत में है।
उधर टीडीपी ने तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव सरकार पर गैर कानूनी तरीके से पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के फोन टैप करने का आरोप लगाया है।
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