रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash For Query) के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर सांसदी जाने का खतरा बना हुआ है. पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) ने इस मामले में जांच रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को भेज दी है. कमेटी ने महुआ मोइत्रा के अपराध को गंभीर माना है. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. मोइत्रा के खिलाफ इस रिपोर्ट को कमेटी ने गुरुवार की मीटिंग में मंजूरी दी थी. इस रिपोर्ट के समर्थन में 6 और विरोध में 4 सांसदों ने वोट किए थे.
एथिक्स कमेटी की कंपोजिशन के मुताबिक, बहुमत एनडीए का है. कमेटी में चेयरमैन समेत कुल 15 सदस्य हैं. कमेटी में बीजेपी के 7 सदस्य हैं. महुआ मोइत्रा घूसकांड मामले में जांच रिपोर्ट के पक्ष में परनीत कौर (कांग्रेस), हेमंत गोडसे (शिवसेना), सुमेधानंद (बीजेपी), अपराजिता सारंगी (बीजेपी), राजदीप रॉय (बीजेपी) और विनोद कुमार सोनकर (बीजेपी और चेयरमैन) ने वोट किए. जबकि बीएसपी सांसद दानिश अली, पीआर नटराजन (सीपीएम), वैथिलिंगम (कांग्रेस), गिरधारी यादव (जेडीयू) ने इसका विरोध किया.
मोइत्रा के केस में स्पीकर लेंगे फैसला
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने रिपोर्ट मंजूर होने के बाद कहा, "महुआ मोइत्रा पर जो आरोप था, इसे लेकर एथिक्स कमेटी ने जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की थी. आज की मीटिंग का ये सिंगल एजेंडा था. इस मीटिंग में रिपोर्ट पेश की गई और इसे अडॉप्ट किया गया. कमेटी ने जांच के बाद जो फैक्ट और फाइंडिंग पाई है. अब इस मामले में आगे जो भी एक्शन लेना है, वो लोकसभा स्पीकर की तरफ से ही लिया जाएगा."
महुआ के लिए कड़ी सजा की सिफारिश
एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में सबसे प्रमुख आधार राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया गया. अपनी सिफारिश में कमेटी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय अकाउंट की लॉग-इन डिटेल अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ शेयर की हैं, जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है. कमेटी ने इसे गंभीर अपराध माना है और इसलिए महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है. एथिक्स कमेटी ने लॉग-इन आईडी और पासवर्ड शेयर करने के आरोपों पर कहा है कि इस गंभीर अपराध के लिए महुआ को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे. दुबे ने महुआ के एक्स पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे. इस मामले को लोकसभा स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया गया था.
बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का कबूलनामा
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ही आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसदीय अकाउंट का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया था. हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद की तरफ से सवाल पोस्ट किए.
महुआ ने भी मानी लॉग-इन पासवर्ड शेयर करने की बात
पहले इन आरोपों को महुआ ने गलत बताया था. बाद में हीरानंदानी के कबूलनामे के बाद आखिरकार महुआ ने भी माना कि उन्होंने अपने अकाउंट का लॉग-इन पासवर्ड हीरानंदानी को शेयर किया था. उन्होंने दर्शन हीरानंदानी को अपना पुराना दोस्त बताया है. हालांकि, मोइत्रा ने पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों को खारिज किया है.
मोइत्रा के एक्स पार्टनर ने दर्ज कराई नई शिकायत
वहीं, महुआ मोइत्रा के एक्स पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई (Jai Anant Dehadrai) ने उनके खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई है. सुप्रीम कोर्ट में वकील जय अनंत देहद्राई ने मंगलवार को महुआ मोइत्रा पर ट्रेसपासिंग यानी उनके घर में जबरन घुसने और स्टाफ को डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए हौज खास पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. इससे पहले देहद्राई ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के सामने अपनी जान का खतरा जताया था.
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