बिहार (Bihar) के बाहुबली नेता आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय में रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की है. गोपालगंज (Gopalganj) में मारे गए मजिस्ट्रेट जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की है. उमा ने बिहार सरकार के नियमों के बदलाव के नोटिफिकेशन को भी रद्द करने की मांग की है.
इसके पहले बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का मामला पटना हाई कोर्ट पहुंचा था. एडवोकेट अलका वर्मा ने पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से संबंधित कानून में संशोधन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि कानून में संसोधन से जनहित नहीं हो रहा है. यह मनमानी कार्रवाई है. यह संशोधन मनमाना है और यह अनुचित है. वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी नीतीश कुमार पर पूरे देश में विपक्षी एकता के नाम पर खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताने का आरोप लगाया था.
बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा किया है. आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जता रहा है. आनंद मोहन की रिहाई को जी कृष्णैया की बेटी ने दुखद बताया. उन्होंने कहा, यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है. वही विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में राजपूत वोट को पाने के लिए नीतीश सरकार ने यह कदम उठाया है.
1994 में हुई थी IAS जी कृष्णैया की हत्या
तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी कृष्णैया अनुसुचित जाति से थे. वह बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे. इसी दौरान भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. इस दौरान इन्हें गोली भी मारी गई थी. आरोप था कि डीएम की हत्या कराई गई थी. आरोप था कि डीएम की हत्या करने वाली उस भीड़ को कुख्यात बाहुबली आनंद मोहन ने ही उकसाया था. यही वजह थी कि पुलिस ने इस मामले में आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली समेत 6 लोगों को नामजद किया था.
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