प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Kheda) की एफआईआर रद्द करने की याचिका दायर की गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी. खेड़ा के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक और विवादास्पद टिप्पणी करने के आरोप में यूपी और असम में एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था. साथ ही मामले को लखनऊ ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पवन खेड़ा एफआईआर रद्द करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट जा सकते हैं.
Pawan Kheda फिर पहुंचे हैं सुप्रीम कोर्ट...
गत 17 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले के जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों का मूल्यांकन मामले को रद्द करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है. उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की थी कि शीर्ष अदालत ने खेड़ा को सभी विवाद लखनऊ की न्यायिक अदालत के समक्ष उठाने के लिए कहा था, इसलिए यह उचित होगा कि वह अपनी सभी शिकायतें उक्त अदालत के समक्ष उठाएं.
असम और यूपी में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर
गत 20 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए असम और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर को एक साथ मिला दिया और उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाते हुए मामले को लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया था. इस मामले में लखनऊ की अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी. कथित टिप्पणी के लिए खेड़ा ने अदालत में बिना शर्त माफी मांगी है.
पवन खेड़ा को विमान से उताकर किया गया था गिरफ्तार
कांग्रेस प्रवक्ता को 23 फरवरी को दिल्ली हवाई अड्डे से विमान से उताकर गिरफ्तार कर लिया गया था. वह कांग्रेस महाधिवेशन में शामिल होने रायपुर जा रहे थे. उन्हें गिरफ्तारी वाले दिन शीर्ष अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा. उन्हें 17 फरवरी को मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी के सिलसिले में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
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