कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी के पार्टी का अध्यक्ष बनने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी का नया अध्यक्ष बनने को लेकर मजबूर नहीं किया जा सकता है. अगर वह नहीं बनना चाहते हैं तो उन्हें जबरदस्ती तो नहीं बनाया जा सकता. इन सब के बीच सूत्रों से खबर आ रही है कि राहुल गांधी ने पार्टी का अगला अध्यक्ष बनने से एक बार फिर मना कर दिया है. जबकि कांग्रेस को 20 सितंबर तक पार्टी का नया अध्यक्ष चुनना है. बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.
खास बात ये है कि एक दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में इस पद के लिए राहुल गांधी के पक्ष में 'सर्वसम्मति' है. पार्टी के चुनाव प्राधिकरण ने कहा था कि वह 20 सितंबर तक नए प्रमुख के चुनाव के कार्यक्रम पर कायम रहेगा. उन्होंने कहा था कि देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को देखते हुए राहुल गांधी को यह भूमिका स्वीकार करनी चाहिए.
सीएम गहलोत ने कहा था कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो यह देश के कांग्रेसियों के लिए निराशा की बात होगी. बहुत से लोग घर बैठेंगे और हम भुगतेंगे. उन्हें (राहुल गांधी) देश में आम कांग्रेस के लोगों की भावनाओं को समझते हुए, इस पद को खुद स्वीकार करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर भी राहुल गांधी को नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में राय है. सर्वसम्मत राय उनके पार्टी अध्यक्ष बनने के समर्थन में है. इसलिए, मुझे लगता है कि उन्हें इसे स्वीकार करना चाहिए. यह गांधी या गैर-गांधी परिवार के बारे में नहीं है. यह संगठन का काम है और कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन रहा है.
उन्होंने कहा था कि "पिछले 32 सालों में गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बना है. फिर मोदी जी इस परिवार से क्यों डरते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह क्यों कहना पड़ता है कि 75 साल में देश में कुछ भी नहीं हुआ. हर कोई कांग्रेस पर हमला क्यों कर रहा है?"
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