कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेलवे की एक समिति की सदस्यता दिलाने के बदले धन के कथित भुगतान से जुड़े मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय को मंगलवार को राहत दी. अदालत ने इस मामले में कोलकाता पुलिस को अगले आदेश तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति एस मुंशी और न्यायमूर्ति मोहम्मद निजामुद्दीन की पीठ ने रॉय को राहत देते हुए कहा कि मामला सुनवाई के लिए सूची में नहीं आएगा और अभियोजन तथा याचिकाकर्ता जरूरत पड़ने पर उनके सामने मामले का उल्लेख करने को कहा. अदालत ने रॉय को मामले की जांच में सहयोग करने को कहा.
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अभियोजन ने दस्तावेजों के परीक्षण के लिए तथा मामले में केंद्रीय एजेंसियों से सूचनाएं हासिल करने के लिए समय की मांग की थी. न्यायालय ने सबसे पहले पिछले साल 29 अगस्त को रॉय को गिरफ्तारी से एक हफ्ते का संरक्षण प्रदान किया था. भगवा पार्टी की स्थानीय श्रम इकाई के नेता होने का दावा करने वाले बबन घोष के खिलाफ कारोबारी शंतू गांगुली ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. इसी मामले में भाजपा नेता अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे थे.
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गांगुली ने आरोप लगाया था कि घोष ने रॉय का नाम लेकर जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टिव कमेटी की सदस्यता दिलाने का आश्वासन दिया और घूस के तौर पर उनसे लाखों रुपये वसूले. कोलकाता पुलिस द्वारा घोष की गिरफ्तारी के बाद मामले में रॉय का नाम आने के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
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