नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में अपने भाषण में नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की आलोचना नहीं की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों ने स्पष्टीकरण में यह बात कही। प्रधानमंत्री कोयला ब्लॉक के आवंटन पर सीएजी की रिपोर्ट को खारिज करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।
पीएमओ के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीएजी को नहीं बल्कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में 1.86 लाख करोड़ के नुकसान के इसके आकलन को 'विवादास्पद एवं दोषपूर्ण' कहा था। सूत्र ने कहा, "प्रधानमंत्री ने संवैधानिक संस्था पर हमला नहीं किया। उन्होंने उस रिपोर्ट की आलोचना की थी।"
पीएमओ की तरफ से यह स्पष्टीकरण प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं अरुण जेटली की आलोचना के बाद आया है। आडवाणी एवं जेटली ने प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा था कि वह संवैधानिक संस्था पर निशाना साध रहे हैं।
सूत्र ने कहा, "प्रधानमंत्री का बयान अपनी सीमा में रहकर दिया गया था। उन्होंने सीएजी की रपट पर जो कहा है उसे सरकार कोयला आवंटन पर लोक लेखा समिति के समक्ष कहेगी।"
पीएमओ के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीएजी को नहीं बल्कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में 1.86 लाख करोड़ के नुकसान के इसके आकलन को 'विवादास्पद एवं दोषपूर्ण' कहा था। सूत्र ने कहा, "प्रधानमंत्री ने संवैधानिक संस्था पर हमला नहीं किया। उन्होंने उस रिपोर्ट की आलोचना की थी।"
पीएमओ की तरफ से यह स्पष्टीकरण प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं अरुण जेटली की आलोचना के बाद आया है। आडवाणी एवं जेटली ने प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा था कि वह संवैधानिक संस्था पर निशाना साध रहे हैं।
सूत्र ने कहा, "प्रधानमंत्री का बयान अपनी सीमा में रहकर दिया गया था। उन्होंने सीएजी की रपट पर जो कहा है उसे सरकार कोयला आवंटन पर लोक लेखा समिति के समक्ष कहेगी।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं