विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 17, 2023

53 साल पहले जंगल से लकड़ी काटने के आरोप में 7 बुज़ुर्ग महिलाएं गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

आपको बता दें कि ये महिलाएं हिंडोली वन क्षेत्र की हैं. जब युवा थीं तब घर का चूल्हा जलाने के लिए जंगल जाकर लकड़ी काटती थी. उस समय ये बहुत आम चलन था.

Read Time: 4 mins

1971 में हिंडोली पुलिस ने जंगल से लकड़ी काटने के आरोप में 12 महिलाओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था.

बूंदी, राजस्थान:

राजस्थान के बूंदी की सात बुज़ुर्ग महिलाओं को पुलिस थाने और अदालत के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.उनका कसूर ये है कि 1971 में यानी 53 साल पहले इनके खिलाफ जंगल से लकड़ी काटने का आरोप लगा और मामला दर्ज हुआ था. लेकिन पुलिस अचानक हरकत में अब आयी है.बूंदी पुलिस ने लकड़ी काटने के आरोप में 53 साल बाद 7 बुजुर्ग महिलाओं को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया है. इन महिलाओं पर आरोप है कि 53 साल पहले यानी साल 1971 में युवा अवस्था के दौरान जंगल से अपने घर में खाना बनाने के लिए कुछ लकड़ियां काटी थी.

महिलाओं ने घर का चूल्हा जलाने के लिए जंगल से लकड़ी काटी 
जिन सात बुज़ुर्ग महिलाओं को राजस्थान बूंदी पुलिस ने गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया है, उनकी कांपती हुई याददाश्त में शायद ये दर्ज भी नहीं हो पा रहा होगा  कि इन्होंने क्या जुर्म किया था. पुलिस के मुताबिक, ये 1971 का यानी 53 साल पुराना मामला है.तब इन महिलाओं ने घर का चूल्हा जलाने के लिए जंगल से लकड़ी काटी थी.वहीं,  मोती बाई नाम की आरोपी महिला का कहना है कि हम घर में खाना पकाने के लिए लकड़ी लाते थे. हमें नहीं पता था कि इसके लिए हमें पुलिस पकड़ कर ले जाएगी,क्योंकि लकड़ी काटने के दौरान वन विभाग के अधिकारी हमारा नाम लिख लेते थे और हम वहां से चले जाते थे.
1971 में हिंडोली पुलिस ने 12 महिलाओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया 
आपको बता दें कि ये महिलाएं हिंडोली वन क्षेत्र की हैं. जब युवा थीं तब कभी जंगल जाकर लकड़ी काटती थी, तब ये बहुत आम चलन था.लेकिन अपने इन मुजरिमों की तलाश में पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाई. इन सबकी शादी हो चुकी थी, इसलिए इनको इनकी ससुराल से खोज-खोज कर लाया गया. 1971 में हिंडोली पुलिस ने 12 महिलाओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था.

3 महिलाओं की हुई मौत, 2 अब भी फ़रार
पुलिस 53 साल में ये जांच पूरी कर सकी. इस बीच 3 महिलाओं की मौत हो गई, जबकि पुलिस ने 7 महिलाओं को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में 2 महिला अब भी फ़रार है.

अदालत ने 500 रुपये के मुचलके पर आरोपी महिलाओं को किया रिहा
अदालत ने इन सबको 500-500 रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया. हालांकि, ये 500 रुपये भी इन महिलाओं पर भारी पड़ रहे हैं. ये गरीब घरों की महिलाएं हैं.लेकिन असली सवाल ये है कि जब तमाम तरह के बिचौलिए और वन माफिया सरकार और वन प्रशासन की नाक के नीचे से पूरा जंगल काट कर ले जाते हैं, तब इन्हीं गरीब महिलाओं पर पुलिस की नज़र क्यों पड़ी. ये इंसाफ़ और उसकी समझ दोनों का तकलीफ़देह मज़ाक है.लेकिन पुलिस इस कार्रवाई के लिए अपनी पीठ थपथपा रही है.

2017-23 के बीच राजस्थान में 17 लाख 87 हजार से ज्यादा FIR दर्ज 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वेबलाइट बता रही है कि 2017 से 2023 के बीच राजस्थान में 17 लाख 87 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुए. वहीं, करीब 104 दिनों में 1 FIR के निपटारे का औसत रहा है. यानी FIR निस्तारण का औसत करीब 94 फीसदी रहा है. अगर बूंदी के इस मामले को देखें तो 1971 का मामला राज्य पुलिस  2023 में निपटा रही है. ऐसे मे शायद NCRB को FIR निस्तारण के औसत में थोड़ा बदलाव करना चाहिए.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
हेमंत सोरेन के हाथ तीसरी बार झारखंड की कमान, मुख्यमंत्री पद की ली शपथ
53 साल पहले जंगल से लकड़ी काटने के आरोप में 7 बुज़ुर्ग महिलाएं गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
PM मोदी के सामने स्पीकर के झुकने पर राहुल ने उठाए सवाल, जानिए 2009, 2014 में क्या हुआ था?
Next Article
PM मोदी के सामने स्पीकर के झुकने पर राहुल ने उठाए सवाल, जानिए 2009, 2014 में क्या हुआ था?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;