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This Article is From Jul 13, 2022

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : करीब 15 हजार करोड़ की लागत से तैयार प्रोजेक्ट, पीएम 16 को करेंगे उद्घाटन

एक्सप्रेस पर 250 से ज्यादा छोटे पुल बनाए गए हैं. जबकि 15 से ज्यादा फ्लाइओवर, छह टोल प्लाजा और 12 से ज्यादा बड़े पुल और चार रेल पुल बनाए गए हैं.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : करीब 15 हजार करोड़ की लागत से तैयार प्रोजेक्ट, पीएम 16 को करेंगे उद्घाटन
पीएम मोदी करेंगे एक्सप्रेस वे का उद्घाटन
नई दिल्ली:

पीएम मोदी 16 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे. 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे में कुल चार लेन हैं. एक्सप्रेस वे को 14,850 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. पीएम मोदी 16 जुलाई को सुबह 11.30 बजे जालौन जिले के ओरइ तहसील के कईथेरी गांव से इस एक्सप्रेस का उद्घाटन करेंगे. खास बात यह है कि इस एक्सप्रेस का काम 28 महीनों के भीतर पूरा कर लिया गया है. इस एक्सप्रेस वे के बनने से यूपी के सात जिलों को फायदा होगा. एक्सप्रेस पर 250 से ज्यादा छोटे पुल बनाए गए हैं. जबकि 15 से ज्यादा फ्लाइओवर, छह टोल प्लाजा और 12 से ज्यादा बड़े पुल और चार रेल पुल बनाए गए हैं. पीएम मोदी ने ही वर्ष 2020 में इस एक्सप्रेस की आधारशिला रखी थी.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  वर्ष 2020 में करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की बटन दबाकर आधारशिला रखी थी. एक्सप्रेस-वे फरवरी, 2018 में सरकार द्वारा घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की सहमति के बिंदुओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा. उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही थी, जो चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से गुजरेगा.

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 यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के रास्ते से जोड़ेगा. इसके साथ ही यह बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जिलों को लाभ मिलेगा. 

यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड क्षेत्र को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 95.46 प्रतिशत भूमि का क्रय और अधिग्रहण किया जा चुका था. इसका निर्माण कार्य शुरू होने से लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. भारत को भूमि प्रणाली, जहाज और पनडुब्बियों से लेकर लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, हथियारों और सेंसरों जैसे रक्षा उपकरणों की भारी जरूरत है. यह आवश्यकता 2025 तक 250 अरब डॉलर की होगी.

8ak9biioइस आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार ने लखनऊ में निवेशकों के शिखर सम्मेलन के दौरान 21 फरवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारा स्थापित करने की घोषणा की थी.  केन्द्र सरकार ने आरंभ में छह क्लस्टरों की पहचान करते हुए गलियारा स्थापित किया था. ये हैं- लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अलीगढ़, कानपुर, आगरा, जिनमें से बुंदेलखंड क्षेत्र – झांसी और चित्रकूट में दो क्लस्टर तैयार किए जा रहे हैं. सबसे बड़ा क्लस्टर झांसी में तैयार किया जाएगा. . 

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