फतेहपुर का वह मंदिर जिसमें ददुआ की प्रतिमा लगाई जाएगी।
लखनऊ:
किसी जमाने में बुंदेलखंड में दहशत का पर्याय बने रहे कुख्यात डाकू ददुआ की प्रतिमा अब एक मंदिर में प्रतिष्ठित दिखाई देगी। उत्तरप्रदेश के फतेहपुर में ददुआ का मंदिर बन रहा है। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और ददुआ के भाई बाल कुमार, सपा के विधायक व ददुआ के पुत्र वीर सिंह के साथ मिलकर यह मंदिर बनवा रहे हैं।
सन 2007 में मारा गया था ददुआ
पांच लाख के इनामी डकैत ददुआ को सन 2007 में पुलिस ने रिमोट बम से मार गिराया था। उसके खिलाफ 200 मुकदमे दर्ज थे। बुंदेलखंड में ददुआ की गैंग 33 साल तक सक्रिय रही। बताया जाता है कि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों के कुर्मी मतदाताओं में ददुआ का खासा असर रहा है।
सपा के पूर्व सांसद बनवा रहे मंदिर
फतेहपुर के कबराहा गांव में ददुआ ने एक मंदिर बनवाया था जिसमें सीता-राम, शिव और हनुमान की प्रतिमाएं हैं। इस मंदिर में निकट भविष्य में इन मूर्तियों के साथ ददुआ भी विराजमान दिखाई देंगे। ददुआ के भाई उसकी प्रतिमा लगवा रहे हैं ताकि ददुआ को भगवान मानने वाले लोग उसे पूज सकें। यह प्रतिमा जयपुर में बनाई जा रही है। ददुआ के भाई बाल कुमार ने NDTV इंडिया को बताया कि 'मूर्तियां शिवकुमार उर्फ ददुआ की लगेगी, मेरी माता कृष्णावती व मेरे पिता स्वर्गीय रामप्यारे की मूर्तियां लगेंगी। मूर्तियां बनकर तैयार हैं।'
दहशत फैलाकर डलवाता था वोट
कुख्यात दस्यु ददुआ का बुंदेलखंड के कई जिलों की सियासत में खासा दखल रहा है। डकैत गिरोह का सरदार ददुआ फरमान जारी कर देता था और लोग उसे मान लेते थे। वे वोट उसी को देते थे जिसके लिए ददुआ का फरमान होता था। ददुआ पहले सीपीआई के साथ था और बाद में बसपा के साथ चला गया। उन दिनों में उसने नारा दिया था कि 'मोहर लगेगी हाथी पर, वरना गोली पड़ेगी छाती पर।' बाद में ददुआ समाजवादी पार्टी में चला गया।
मुलायम सिंह को आमंत्रण
उसके भाई बाल कुमार सपा के सांसद थे। उसका बेटा और भतीजा सपा के एमएलए हैं। मंदिर में आने का न्योता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को भी दिया गया है। ददुआ के भाई और पूर्व सपा सांसद बाल कुमार का कहना है, ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है, जिसे कार्ड न भेजा गया हो। अब आना या न आना उन पर निर्भर करता है।
एसयूवी में ददुआ का कुनबा
लोहिया के पास सारी जिंदगी कोई निजी गाड़ी नहीं थी, लेकिन समाजवादी ददुआ का कुनबा एसयूवी के काफिले में चलता है। उनके आने पर नगाड़े बजते हैं। लोकतंत्र में हर किसी को अपने खुदा की इबादत की इजाजत है और इस मुल्क में तो राम से रावण तक सबकी पूजा होती है। सचिन तेंदुलकर से लेकर जयललिता तक सबके मंदिर भी हैं, लिहाजा अब एक डाकू का मंदिर भी होगा जिसे कुछ लोग अपना खुदा समझते हैं।
सन 2007 में मारा गया था ददुआ
पांच लाख के इनामी डकैत ददुआ को सन 2007 में पुलिस ने रिमोट बम से मार गिराया था। उसके खिलाफ 200 मुकदमे दर्ज थे। बुंदेलखंड में ददुआ की गैंग 33 साल तक सक्रिय रही। बताया जाता है कि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों के कुर्मी मतदाताओं में ददुआ का खासा असर रहा है।
सपा के पूर्व सांसद बनवा रहे मंदिर
फतेहपुर के कबराहा गांव में ददुआ ने एक मंदिर बनवाया था जिसमें सीता-राम, शिव और हनुमान की प्रतिमाएं हैं। इस मंदिर में निकट भविष्य में इन मूर्तियों के साथ ददुआ भी विराजमान दिखाई देंगे। ददुआ के भाई उसकी प्रतिमा लगवा रहे हैं ताकि ददुआ को भगवान मानने वाले लोग उसे पूज सकें। यह प्रतिमा जयपुर में बनाई जा रही है। ददुआ के भाई बाल कुमार ने NDTV इंडिया को बताया कि 'मूर्तियां शिवकुमार उर्फ ददुआ की लगेगी, मेरी माता कृष्णावती व मेरे पिता स्वर्गीय रामप्यारे की मूर्तियां लगेंगी। मूर्तियां बनकर तैयार हैं।'
दहशत फैलाकर डलवाता था वोट
कुख्यात दस्यु ददुआ का बुंदेलखंड के कई जिलों की सियासत में खासा दखल रहा है। डकैत गिरोह का सरदार ददुआ फरमान जारी कर देता था और लोग उसे मान लेते थे। वे वोट उसी को देते थे जिसके लिए ददुआ का फरमान होता था। ददुआ पहले सीपीआई के साथ था और बाद में बसपा के साथ चला गया। उन दिनों में उसने नारा दिया था कि 'मोहर लगेगी हाथी पर, वरना गोली पड़ेगी छाती पर।' बाद में ददुआ समाजवादी पार्टी में चला गया।
मुलायम सिंह को आमंत्रण
उसके भाई बाल कुमार सपा के सांसद थे। उसका बेटा और भतीजा सपा के एमएलए हैं। मंदिर में आने का न्योता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को भी दिया गया है। ददुआ के भाई और पूर्व सपा सांसद बाल कुमार का कहना है, ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है, जिसे कार्ड न भेजा गया हो। अब आना या न आना उन पर निर्भर करता है।
एसयूवी में ददुआ का कुनबा
लोहिया के पास सारी जिंदगी कोई निजी गाड़ी नहीं थी, लेकिन समाजवादी ददुआ का कुनबा एसयूवी के काफिले में चलता है। उनके आने पर नगाड़े बजते हैं। लोकतंत्र में हर किसी को अपने खुदा की इबादत की इजाजत है और इस मुल्क में तो राम से रावण तक सबकी पूजा होती है। सचिन तेंदुलकर से लेकर जयललिता तक सबके मंदिर भी हैं, लिहाजा अब एक डाकू का मंदिर भी होगा जिसे कुछ लोग अपना खुदा समझते हैं।
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