जनवरी में तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर वीडियो भोजन की गुणवत्ता की शिकायत की थी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
खराब भोजन की शिकायत करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव के परिवार वालों ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तेज बहादुर को पेश करने की मांग की. याचिका में परिवार वालों ने कहा है कि उन्हें पता ही नहीं है कि तेज बहादुर कहां हैं. संभव है उनके वकील शुक्रवार को अदालत से मामले पर जल्दी सुनवाई का अनुरोध करें.
तेज बहादुर के एक रिश्तेदार विजय ने बताया, 'हमने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की है. तेज बहादुर की अपनी पत्नी से आखिरी बार सात फरवरी को बात हुई थी. हम उनके मोबाइल पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा. जब हमने उनके कार्यालय के नंबर पर संपर्क किया तो किसी ने हमें नहीं बताया कि वह कहां हैं या तो कोई जवाब ही नहीं दे रहे.'
विजय ने कहा कि परिवार वालों ने बीएसएफ के महानिदेशक को दो चिट्ठियां भी भेजी हैं, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है. परिवार वालों ने इससे पहले आरोप लगाया था कि तेज बहादुर को धमकाया जा रहा है और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है.
पिछले महीने तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए थे, जिसमें उन्होंने बीएसएफ की ओर से जवानों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत की थी और अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से खाद्य सामग्री बेचने का आरोप भी लगाया था. तेज बहादुर ने हालांकि अधिकारियों ने नाम नहीं लिए थे.
तेज बहादुर का यह वीडियो सोशल मीडिया के जरिए मुख्य मीडिया में भी छा गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से घटना का पूरा ब्योरा मांगा था. तेज बहादुर के खिलाफ अब विभिन्न आरोपों में कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें अनुशासन भंग करना शामिल है. अधिकारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के उनके अनुरोध को भी खारिज कर दिया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
तेज बहादुर के एक रिश्तेदार विजय ने बताया, 'हमने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की है. तेज बहादुर की अपनी पत्नी से आखिरी बार सात फरवरी को बात हुई थी. हम उनके मोबाइल पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा. जब हमने उनके कार्यालय के नंबर पर संपर्क किया तो किसी ने हमें नहीं बताया कि वह कहां हैं या तो कोई जवाब ही नहीं दे रहे.'
विजय ने कहा कि परिवार वालों ने बीएसएफ के महानिदेशक को दो चिट्ठियां भी भेजी हैं, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है. परिवार वालों ने इससे पहले आरोप लगाया था कि तेज बहादुर को धमकाया जा रहा है और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है.
पिछले महीने तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए थे, जिसमें उन्होंने बीएसएफ की ओर से जवानों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत की थी और अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से खाद्य सामग्री बेचने का आरोप भी लगाया था. तेज बहादुर ने हालांकि अधिकारियों ने नाम नहीं लिए थे.
तेज बहादुर का यह वीडियो सोशल मीडिया के जरिए मुख्य मीडिया में भी छा गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से घटना का पूरा ब्योरा मांगा था. तेज बहादुर के खिलाफ अब विभिन्न आरोपों में कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें अनुशासन भंग करना शामिल है. अधिकारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के उनके अनुरोध को भी खारिज कर दिया है.
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