ब्रिक्स और बिम्सटेक की मीडिया कवरेज भी अपने आप में एक बड़ा आयोजन है
गोवा:
गोवा में ब्रिक्स और बिम्सटेक की मीडिया कवरेज की व्यवस्था भी अपने आप में एक बड़ा आयोजन है. देश विदेश से आए मीडियाकर्मियों को पल पल की जानकारी मिलती रहे इसके लिए कई मीडिया सेंटर बनाए गए हैं. भारतीय मीडिया के लिए दो और विदेशी मीडिया के लिए एक मीडिया सेंटर है. यहां बड़ी स्क्रीन पर सीधी तस्वीर आने की व्यवस्था की गई है. अलग अलग देशों के नेताओं के हवाई अड्डे पर आगमन और स्वागत से लेकर उनके बीच की मीटिंग तक की तस्वीर मीडिया सेंटर में बैठे बैठे देखी जा सकती है.
गोवा में हो रहे बिक्स सम्मिट और बिम्सटेक आउटरीच मीटिंग की कवरेज के लिए देश विदेश से 1000 से ज़्यादा पत्रकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इनमें से ज़्यादातर गोवा पहुंच चुके हैं. विदेश मंत्रालय को 500 के आसपास पत्रकारों की उम्मीद थी और इसी हिसाब से व्यवस्था भी की गई थी लेकिन उम्मीद से दुगुणा पत्रकारों के पहुंचने के कारण मीडिया सेंटर छोटा पड़ गया. लिहाज़ा मंत्रालय को और मीडिया सेंटर बनान पड़ा. पत्रकारों को ब्रिक्स और बिम्सटेक मीटिंग के लिए अलग अलग पास जारी किए गए हैं. ब्रिक्स के लिए ताज होटेल में जबकि बिम्सटेक के लिए होटल लीला में मीडिया सेंटर बनाया गया है. विदेश पत्रकारों के लिए ताज में ही अलग व्यवस्था की गई है.
ब्रिक्स के साथ साथ भारत की दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ातों की कवरेज के लिए ख़ासतौर पर दूरदर्शन और एजेंसी को अनुमति दी गई है. इतनी बड़ी तादाद में मीडियाकर्मियों को हर इवेंट के लिए अनुमति देना मुमकिन नहीं. लिहाज़ा मीडिया सेंटर में इस बात की व्यवस्था की गई है कि हर किसी हर जानकारी एक साथ मिल सके.
गोवा में हो रहे बिक्स सम्मिट और बिम्सटेक आउटरीच मीटिंग की कवरेज के लिए देश विदेश से 1000 से ज़्यादा पत्रकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इनमें से ज़्यादातर गोवा पहुंच चुके हैं. विदेश मंत्रालय को 500 के आसपास पत्रकारों की उम्मीद थी और इसी हिसाब से व्यवस्था भी की गई थी लेकिन उम्मीद से दुगुणा पत्रकारों के पहुंचने के कारण मीडिया सेंटर छोटा पड़ गया. लिहाज़ा मंत्रालय को और मीडिया सेंटर बनान पड़ा. पत्रकारों को ब्रिक्स और बिम्सटेक मीटिंग के लिए अलग अलग पास जारी किए गए हैं. ब्रिक्स के लिए ताज होटेल में जबकि बिम्सटेक के लिए होटल लीला में मीडिया सेंटर बनाया गया है. विदेश पत्रकारों के लिए ताज में ही अलग व्यवस्था की गई है.
ब्रिक्स के साथ साथ भारत की दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ातों की कवरेज के लिए ख़ासतौर पर दूरदर्शन और एजेंसी को अनुमति दी गई है. इतनी बड़ी तादाद में मीडियाकर्मियों को हर इवेंट के लिए अनुमति देना मुमकिन नहीं. लिहाज़ा मीडिया सेंटर में इस बात की व्यवस्था की गई है कि हर किसी हर जानकारी एक साथ मिल सके.
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