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This Article is From Aug 30, 2017

बोफोर्स तोप सौदा मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होगी सुनवाई

1986 में 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप घोटाले में भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से 64 करोड़ रुपये घूस देने के मामले में यह याचिका दायर की गई है.

बोफोर्स तोप सौदा मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होगी सुनवाई
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बोफोर्स तोप घोटाला मामले की सुनवाई 1 सितंबर यानी शुक्रवार को होगी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस एएम खानवेलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस इस मामले की सुनवाई करेंगे. बीजेपी नेता अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. साल 1986 में 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप घोटाले में भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से 64 करोड़ रुपये घूस देने के मामले में यह याचिका दी गई है. याचिका में अग्रवाल ने कहा है कि सीबीआई ने इस मामले में 31 मई, 2005 को दिल्ली हाई कोर्ट के दिए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी. 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट ने यूरोप में रहने वाले हिंदुजा भाइयों पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट के फैसले के 90 दिनों के भीतर सीबीआई द्वारा इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दिए जाने और मामले को रफा-दफा किए जाने के कथित आरोप के बाद अग्रवाल ने याचिका दाखिल कर फैसले को चुनौती दी है.

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बीजेपी नेता और वकील अजय अग्रवाल ने कहा है कि उन्होंने ये याचिका देशहित को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट में लगाई है, क्योंकि सीबीआई ने बोफोर्स घोटाले के मामले को उस वक्त आगे नहीं बढ़ाया, जबकि कोर्ट का फैसला 'अवैध' था. इसका कारण उस वक्त ये बताया गया था कि कानून मंत्रालय ने इसकी इजाजत सीबीआई को नहीं दी. अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि घोटाले को लेकर जो उस वक्त आरोपियों और सीबीआई के बीच सांठ-गांठ हुई थी उसी के तहत लंदन में इटली के बिजनेसमैन ओत्तावियो क्वात्रोच्चि के बैंक अकाउंट को डीफ्रीज (फिर से चालू) कर दिया गया था, जो इस डील में बिचैलिया था इसी सिलसिले में उस वक्त एडिशनल सॉलिस्टर जनरल रहे जनरल बी दत्ता ने इंग्लैंड का दौरा भी किया था.

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उन्होंने कहा है कि ऐसा कदम तब उठाया गया था जब तत्कालीन यूपीए सरकार और सीबीआई को पता था कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया है. अग्रवाल ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी, क्वात्रोच्चि, विन चड्ढा, हिंदुजा बंधु और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शामिल होने के पक्के सबूत थे, इसलिए सीबीआई की मदद से कांग्रेस सरकार ने 1986 से 2014 तक इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की थी. अग्रवाल ने सीबीआई निदेशक से इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज जांच एजेंसी को फिर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, जो तीस हजारी कोर्ट से मिले हैं. उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच होनी बहुत जरूरी है ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर फिर से कोई ऐसी हरकत न हो सके.

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अग्रवाल 2014 में रायबरेली से बीजेपी के टिकट पर सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने बिचौलिए क्वात्रोच्चि के बैंक अकाउंट को फिर से चालू करवा दिया, लेकिन मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट तक को इसकी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा. गौरतलब है कि बीते दिनों ही संसद की लोक लेखा समिति ने रक्षा मंत्रालय को बोफोर्स डील से जुड़ी गायब हुई फाइलों को जल्द से जल्द ढूंढने का आदेश दिया था. इसके बाद मंत्रालय ने आधी-अधूरी फाइलें ही मुहैया कराई थीं, जिस पर समिति ने नाराजगी भी जताई थी.

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