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This Article is From Feb 04, 2023

मुंबई BMC का बजट जारी, मुंबईकरों पर कोई नया कर नहीं, पिछले साल की तुलना 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी

बीएमसी ने बजट की 52 फीसदी रकम मुंबई के विकास पर खर्च करने का दावा किया है. लेकिन आम मुंबईकरों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है.

मुंबई BMC का बजट जारी, मुंबईकरों पर कोई नया कर नहीं, पिछले साल की तुलना 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी
(फाइल फोटो)
मुंबई:

देश की सबसे बड़ी महानगर पालिका मुंबई बीएमसी का बजट इस बार 50 हजार करोड़ रुपए  पार कर गया. मुंबई बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने साल 2023-24 के लिए 52 हजार 619 करोड़ का बजट पेश किया.  खास बात ये है कि इस बजट में मुंबई वासियों पर कोई नया कर नहीं  लादा गया है. ऐसे में इसे चुनावी बजट कहा जा रहा है. 

बता दें कि बीएमसी के इतिहास में 40 साल बाद प्रशासक ने बजट पेश किया (40 साल पहले भी ऐसा हुआ था जब बीएमसी का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव नहीं हुए थे.) वो भी 52 हजार 619 करोड़ रुपए का. पिछले साल ये 45 हजार करोड़ के करीब था. बजट में इस बार स्वास्थ, शिक्षा और सड़क के साथ पर्यावरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. 

हाल के दिनों में मुंबई की हवा में प्रदूषण की मात्रा काफी देखी गई इसलिए बीएमसी ने शहर में 5 सबसे भीड़ वाले इलाके में एयर प्यूरीफायर लगाने का फैसला किया है. साथ ही सार्वजनिक पार्किंग के लिए ऐप बनाने और सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर इलेक्टिक चार्जिंग सिस्टम लगाने की भी योजना है. 

बजट में शिक्षा के लिए 3347.13 करोड़ रुपए,  कोस्टल रोड परियोजना के लिए 3,545 करोड़ रुपये, ड्रेनेज परियोजना के लिए 2792 करोड़ रुपए, सड़कों के रखरखाव के लिए 2825 करोड़ रुपए और स्वास्थ्य सेवा के लिए 6309 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. 

बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने इसे ऐतिहासिक बजट बताया है. इस बार बीएमसी में नगरसेवक नही हैं, इसलिए शिवसेना कांग्रेस की मांग थी कि ये बजट सिर्फ अंतरिम होना चाहिए. लेकिन अब जबकि बजट पेश हो चुका है तो शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इसे मुंबईकरो के लिए नहीं बल्कि कॉन्ट्रेक्टरों के लिए बजट कहा है. 

बीएमसी ने बजट की 52 फीसदी रकम मुंबई के विकास पर खर्च करने का दावा किया है. लेकिन आम मुंबईकरों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है. बीएमसी का कार्यकाल पिछले साल मार्च महीने में खत्म हो चुका है. तबसे बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ही इसके प्रशासक हैं. 

शिवसेना और कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार प्रशासक के जरिए अपना चुनावी एजेंडा लागू करवा रही है इसलिए ये चुनावी बजट है. 

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