ऐलोपैथी को लेकर योग गुरु रामदेव के बयान से आहत देश भर के डॉक्टर्स आज काला दिवस मना रहे हैं. डॉक्टर अपनी ड्यूटी तो कर रहे हैं लेकिन उनके हाथों पर काली पंट्टी बंधी हुई है. डॉक्टरों की मांग है कि रामदेव के ख़िलाफ़ महामारी अधिनियम के तहत मुक़दमा दर्ज किया जाए, अगर रामदेव के ख़िलाफ़ कार्यवाही नहीं हुई तो कोर्ट का रास्ता भी लिया जाएगा. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के अनुसार सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज-अस्पताल, हिंदूराव अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, बी.आर. आंबेडकर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) इस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं तथा कुछ अन्य भी शामिल होने वाले हैं.
फोर्डा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में हमारा प्रदर्शन आज सुबह शुरू हुआ। वह तो ऐलोपैथी के बारे में बोलने तक की योग्यता नहीं रखते हैं। इससे चिकित्सकों का मनोबल प्रभावित हुआ है जो (कोविड-19) महामारी से हर दिन लड़ रहे हैं। हमारी मांग है कि वह बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगे अन्यथा महामारी रोग अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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