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This Article is From Jul 25, 2022

बीजेपी की श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा रैली, 200 से अधिक कार्यकर्ताओं ने लिया हिस्सा

जम्मू कश्मीर के लाल चौक पर बीजेपी की तरफ से तिरंगा रैली निकाली गयी. श्रीनगर के सिटी सेंटर में इस तरह की यह पहली रैली थी जिसका बड़ा राजनीतिक महत्व माना जा रहा है.

श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के लाल चौक पर बीजेपी की तरफ से तिरंगा रैली (Tiranga ईally) निकाली गयी. श्रीनगर (Srinagar Lal Chowk) के सिटी सेंटर में इस तरह की यह पहली रैली थी जिसका बड़ा राजनीतिक महत्व माना जा रहा है. लाल चौक से कारगिल युद्ध स्मारक तक भाजपा नेताओं द्वारा मोटरसाइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया गया. रैली के कारण पूरे इलाके को सील कर दिया गया था और भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से लाल चौक पर ऐसी रैली संभव हो पायी है.तेजस्वी सूर्या ने कहा कि 370 के खत्म होने के बाद, जम्मू-कश्मीर का पूर्ण, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पुन: एकीकरण सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण  कार्य है जिसे भारत के युवा और कश्मीर के युवा अवश्य पूरा करेंगे.

झारखंड से पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ता रवि भगत ने कहा कि देश में एक धारणा थी कि आप लाल चौक पर भारत का झंडा नहीं फहरा सकते हैं.. डर था और इस मायने में यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य था. इससे एक संदेश जाएगा कि लाल चौक लाल किला जैसा है.. जैसे दिल्ली हिस्सा है भारत का, ऐसे ही लाल चौक है.” तिरंगा रैली में देश भर से भाजपा युवा मोर्चा के लगभग 200 सदस्यों ने भाग लिया.

रैली के लिए कश्मीर घाटी के भाजपा कार्यकर्ताओं को भी लाल चौक पर लाया गया था. बीजेपी कार्यकर्ता मोहम्मद अशरफ हाजम ने कहा कि 1992 के बाद यह दूसरी बार है जब वह लाल चौक पर झंडा फहराने के लिए पहुंचे हैं. मोहम्मद अशरफ हाजम ने कहा कि मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी जी यहां झंडा फहराने आए थे. मैं उनसे जुड़ा हुआ था. उस समय जब झंडा फहराया गया था तो मैंने उसे सलामी दी थी. उस समय नरेंद्र मोदी ने मुझे साथ रखा था.बीजेपी की रैली और हर घर तिरंगा को लेकर महबूबा मुफ्ती ने हमला बोला है. उन्होंने रविवार को एक ट्वीट कर जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर ‘हर घर तिरंगा' मुहिम के तहत लोगों को राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए ‘‘मजबूर'' करने का आरोप लगाया था. 

गौरतलब है कि लाल चौक का बहुत बड़ा राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक महत्व रहा है. यहीं से पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कश्मीर के लोगों को अपना भविष्य तय करने के लिए जनमत संग्रह का वादा किया था.1992 में मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी के साथ यहां तिरंगा फहराने की कोशिश की थी. और अब यह भाजपा के लिए पूरा हुआ मिशन जैसा है.. लाल चौक से तिरंगा रैली- एक ध्वज और एक राष्ट्र का संदेश तौर पर है.

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