दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी की कवायद तेज हो गई है। उधर, आम आदमी पार्टी बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से आज मुलाकात का वक्त मांगा था, लेकिन उपराज्यपाल ने सोमवार के बाद मुलाकात को संभव बताया है।
इससे पूर्व, केजरीवाल ने ट्वीट किया, अगर किसी पार्टी (बीजेपी) ने पहले ही सरकार के गठन से इनकार कर दिया हो, तो क्या उपराज्यपाल उसी विधानसभा में उस पार्टी को दोबारा बुला सकते हैं... क्या उपराज्यपाल को पहले समर्थन देने वाले विधायकों की सूची नहीं मांगनी चाहिए, वर्ना उपराज्यपाल एक पार्टी का साथ देते नजर नहीं आएंगे... ऐसे में जब किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं है, ऐसी सूरत में उपराज्यपाल की ओर से सरकार बनाने का न्योता खरीद−फरोख्त को बढ़ावा देना नहीं है।
'आप' नेता मनीष सिसौदिया ने कहा है कि मौजूदा वक्त में दिल्ली विधानसभा को भंग करे नए सिरे से चुनाव कराने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
बीजेपी ने केजरीवाल के इस ट्वीट में किए गए सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि केजरीवाल के दावे गलत हैं… हमें उपराज्यपाल ने नहीं बुलाया है...और क्या अगर उनके (केजरीवाल के) दावे गलत साबित होते हैं, तो वह जनता से माफी मांगेंगे। बीजेपी नेता विजय जौली ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, आम आदमी पार्टी के आरोप बेबुनियाद हैं... हमारी पार्टी खरीद-फरोख्त में विश्वास नहीं करती।
दिल्ली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए बीजेपी की उम्मीदें कांग्रेस के कई विधायकों पर टिकी हैं। बीजेपी गठबंधन के तीन विधायक सांसद बन चुके हैं और उसके अब 29 विधायक हैं। एक निर्दलीय और आम आदमी पार्टी से निकाले गए विधायक का उसे समर्थन मिल सकता है, जबकि दलबदल कानून की मार से बचने के लिए कांग्रेस के आठ में से कम से कम छह विधायकों का टूटना जरूरी है, जो अलग पार्टी बनाकर समर्थन दे सकते हैं। माना जाता है कि अगर सरकार बनी तो जगदीश मुखी मुख्यमंत्री होंगे।
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