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This Article is From Apr 05, 2024

बीजेपी नेता नवनीत राणा का लास्ट मिनट नॉमिनेशन ड्रामा, किसी फिल्मी कहानी जैसा

नवनीत राणा (BJP Leader Navneet Rana) अयोग्य ठहराए जाने की आशंका दूर होने के बाद अपने समर्थकों और बीजेपी नेताओं के साथ, रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर पहुंचीं और दोपहर 1:42 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

बीजेपी नेता नवनीत राणा का लास्ट मिनट नॉमिनेशन ड्रामा, किसी फिल्मी कहानी जैसा
बीजेपी सांसद नवनीत राणा. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट के लिए बीजेपी नेता नवनीत कौर राणा का नामांकन (BJP MP Navneet Rana Nomination) किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. यह कहानी सस्पेंस, एंटीसिपेशन और लास्ट मिनट ट्विस्ट से भरी हुई है. गुरुवार को जैसे ही दोपहर का समय नजदीक आया, अमरावती के दशहरा मैदान का माहौल बदल सा गया. सांसद नवनीत कौर राणा, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस समेत अन्य राजनीतिक दिग्गजों के बीच रैली में खड़ी थीं. हालांकि उनकी उम्मीदवारी अधर में लटकी हुई थी. उनके जाति प्रमाण पत्र से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक अहम फैसले का इंतजार था. 

बॉम्बे HC ने क्यों रद्द किया था नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र

सुप्रीम कोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई चल रही थी, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के नवरीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के आदेश को उलटने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने  8 जून, 2021 को मनगढ़ंत दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी से हासिल करने के आरोप में नवनीत राणा के 'मोची' जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था. इसके अलावा कोर्ट ने सांसद नवनीत पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था.अदालत ने यह दावा किया था कि रिरॉर्ड से पता चला है कि नवनीत राणा 'सिख-चमार' जाति से ताल्लुक रखती हैं.

नवनीत राणा का नॉमिनेशन फिल्मी कहानी जैसा

रात को घड़ी की सुई जैसे ही 11:58 बजे पहुंची, जस्टिस जेके माहेश्वरी और संजय करोल की बेंच ने प्रतीक्षित फैसले की शुरुआत की.  बेंच ने नवनीत राणा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र पर जांच समिति की रिपोर्ट में हस्तक्षेप करके गलती की. अदालत के फैसले ने नवनीत राणा की चुनावी महत्वाकांक्षाओं में नई जान फूंक दी. 

1,100 किमी दूर चल रहा कोर्टरूम का ड्रामा किसी थ्रिलर स्पीड की तरह सामने आया. अदालत के इस फैसले से चुनवी मंच पर खुशी की लहर दौड़ गई. जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खबर अमरावती के मंच पर पहुंची, तो देवेंद्र फड़नवीस ने बिना समय गंवाए इसे नवनीत राणा के लिए एक बड़ी जीत करार दे दिया. 

नवनीत राणा के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नवनीत राणा अयोग्य ठहराए जाने की आशंका दूर होने के बाद अपने समर्थकों और बीजेपी नेताओं के साथ, रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर पहुंचीं और दोपहर 1:42 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI के हवाले से कहा, "2019 में, जब मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, तो अमरावती के लोगों ने भारी राजनीतिक लहर के बावजूद मेरा समर्थन किया और ऐसे समय में जब मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोई काम नहीं किया, मुझे लगता है कि उन्हें विश्वास था कि उनकी आवाज़फिर संसद में सुनाई देगी."

नवनीत राणा ने कब की राजनीति में एंट्री?

नवनीत राणा ने 2019 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अमरावती की आरक्षित लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. नवनीत ने बीजेपी नेता रवि राणा से शादी के बाद राजनीति में एंट्री की. शुरुआत में एनसीपी के साथ गठबंधन करते हुए, उन्होंने 2014 में अमरावती से अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि महाराष्ट्र की 48 संसदीय सीटों पर पांच चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होना है. 

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